
ईरान पर अमेरिका द्वारा किए गए ताबड़तोड़ हवाई हमलों ने दुनिया का ध्यान खींच लिया है, और अब इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का चौंकाने वाला बयान सामने आया है। रविवार, 22 जून 2025 को हुए इस हमले के बाद ट्रंप ने कहा कि ईरान के परमाणु ठिकानों को गंभीर नुकसान पहुंचाया गया है, और साथ ही उन्होंने अमेरिकी सेना के कौशल की जमकर तारीफ की। ट्रंप ने एकदम साफ लहजे में कहा, “ईरान के न्यूक्लियर साइट्स को जो नुकसान हुआ है, वह ऐतिहासिक है। हमले न सिर्फ सटीक थे, बल्कि बेहद प्रभावशाली भी थे। हमारी सेना ने शानदार कौशल का प्रदर्शन किया। थैंक्यू!” यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति की उस रणनीति को दर्शाता है जिसमें वह ईरान की परमाणु क्षमता को जड़ से खत्म करने के मूड में नजर आ रहे हैं।
एयर स्ट्राइक के बाद ट्रंप की प्रतिक्रिया:डोनाल्ड ट्रंप ने आगे कहा कि अमेरिका का उद्देश्य स्पष्ट था – ईरान की परमाणु संवर्धन की क्षमता को नष्ट करना और वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले इस खतरनाक राष्ट्र को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकना।
उन्होंने कहा, “आज रात के हमले को मैं एक बेहतरीन सैन्य सफलता मानता हूं। ईरान की मुख्य न्यूक्लियर साइट्स को पूरी तरह तबाह कर दिया गया है। अब वक्त है शांति का।”
लेकिन इसके साथ ही ट्रंप ने एक सख्त चेतावनी भी दे डाली — “ईरान के पास अब सिर्फ दो रास्ते हैं – या तो शांति, या फिर बर्बादी। और अगर वह बर्बादी का रास्ता चुनता है, तो उसका परिणाम बेहद भयावह होगा।” ट्रंप का यह दो टूक बयान न सिर्फ रणनीतिक संदेश देता है, बल्कि यह वैश्विक राजनीति में तनाव की गर्माहट को भी दर्शाता है।
इतिहास दोहराया, ईरान की पुरानी हरकतों की याद दिलाईअपने संबोधन में ट्रंप ने ईरान की पिछली कार्रवाइयों का हवाला देते हुए कहा, “ईरान पिछले 40 वर्षों से अमेरिका और इजरायल को निशाना बनाता आ रहा है। 'डेथ टू अमेरिका', 'डेथ टू इस्राएल' जैसे नारे और हमलों में हमारे कई सैनिकों की जान गई है। जनरल कासिम सुलेमानी जैसे लोग सैकड़ों लोगों की जान ले चुके हैं। अब ये सब और नहीं चलेगा।”