ईरानी मिसाइल हमले से कांपा इजरायल: 1000 बेड वाले अस्पताल पर गिरा कहर, मचा हाहाकार

बृहस्पतिवार की तड़के जब अधिकांश लोग नींद में थे, तब दक्षिणी इजरायल में एक भयावह मंजर देखने को मिला। ईरान की एक मिसाइल सोरोका मेडिकल सेंटर पर आ गिरी — यह वही अस्पताल है जो करीब 10 लाख लोगों की ज़िंदगी की डोर थामे रहता है। अचानक हुए इस हमले में जहां कई लोग बुरी तरह घायल हो गए, वहीं अस्पताल की इमारतों में व्यापक पैमाने पर क्षति हुई है।

इजरायली मीडिया चैनलों ने जिस तरह से टूटे हुए शीशे, बिखरे सामान और इलाके से उठते घने काले धुएं के दृश्य दिखाए, वो किसी युद्ध फिल्म की तरह लग रहे थे — लेकिन यह हकीकत थी, जिसमें आम लोग सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए।

तेल अवीव की एक ऊंची अपार्टमेंट बिल्डिंग और मध्य इजरायल के अन्य हिस्से भी इस हमले की चपेट में आए। 'मैगन डेविड एडम' नामक इजरायली बचाव सेवा के अनुसार, कम से कम 40 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह हमला किसी सैन्य ठिकाने पर नहीं बल्कि आम नागरिकों के अस्पताल और घरों पर हुआ — जो इसे और अधिक हृदयविदारक बनाता है।

अराक रिएक्टर पर इजरायली पलटवार: बढ़ता जा रहा है टकराव


इस हमले के कुछ ही घंटों बाद, इजरायल ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरान के अराक भारी जल रिएक्टर को निशाना बनाया। यह रिएक्टर ईरान के परमाणु कार्यक्रम का एक मुख्य आधार है और इजरायल की यह कार्रवाई संघर्ष के सातवें दिन की बड़ी घटना बन गई है।

इजरायली सरकार ने दावा किया कि ईरान द्वारा इजरायल के सैन्य ठिकानों और नागरिक क्षेत्रों पर सैकड़ों मिसाइल और ड्रोन से हमला करने के बाद यह कदम उठाया गया। हालांकि, इजरायल की बहु-स्तरीय वायु रक्षा प्रणाली ने इनमें से अधिकांश को बीच में ही नष्ट कर दिया।

सोरोका अस्पताल पर हमला: एक जिंदा सपोर्ट सिस्टम को तोड़ने की कोशिश

'सोरोका मेडिकल सेंटर' सिर्फ एक अस्पताल नहीं, बल्कि दक्षिणी इजरायल के लोगों के लिए जीवन रेखा है। यहां 1,000 से ज़्यादा बेड की सुविधा है और यह लाखों नागरिकों को इलाज मुहैया कराता है। मिसाइल के हमले के बाद अस्पताल प्रशासन ने बताया कि इमारत के कई हिस्सों को गंभीर नुकसान हुआ है।

आपातकालीन कक्ष में घायलों का इलाज चल रहा है, लेकिन अस्पताल को नए मरीजों के लिए फिलहाल बंद कर दिया गया है। केवल वही लोग भर्ती किए जा रहे हैं, जो जीवन-मरण की स्थिति में हैं।

इजरायल के कई अन्य अस्पतालों ने भी आपातकालीन योजनाएं लागू कर दी हैं। कई स्थानों पर मरीजों को भूमिगत पार्किंग एरिया में शिफ्ट किया गया है ताकि उन्हें और खतरे से बचाया जा सके।

अराक रिएक्टर पर इजरायली हमला

ईरान के सरकारी टेलीविजन चैनल ने बृहस्पतिवार को बताया कि इजरायल ने ईरान के अराक भारी जल रिएक्टर पर हमला किया है। चैनल ने बताया कि हमले के बाद ‘‘किसी भी तरह के विकिरण का खतरा नहीं’’ है और हमले से पहले ही केंद्र को खाली करा लिया गया था तथा रिएक्टर के आस-पास स्थित असैन्य इलाकों में कोई नुकसान नहीं हुआ है।

इजरायल ने बृहस्पतिवार की सुबह पहले ही चेतावनी दी थी कि वह रिएक्टर पर हमला करेगा और उसने लोगों से क्षेत्र छोड़कर जाने को कहा था। हमले को लेकर विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई है लेकिन अग्निशमन कर्मियों ने कहा कि ऐसा लगता है कि चिकित्सकीय इमारत और कुछ अपार्टमेंट इमारतों को निशाना बनाया गया है। इस बात की तत्काल जानकारी नहीं मिल सकी कि इन हमलों में कोई हताहत हुआ है या नहीं। अराक रिएक्टर तेहरान से 250 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में है।

परमाणु रिएक्टर को ठंडा करने के लिए भारी जल रिएक्टर का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन यह प्लूटोनियम भी बनाता है जिसका संभावित रूप से परमाणु हथियारों में उपयोग किया जा सकता है। ईरान पर इजरायल के हवाई हमले सातवें दिन भी जारी रहे। इससे एक दिन पहले ईरान के सर्वोच्च नेता ने अमेरिका के आत्मसमर्पण के आह्वान को खारिज कर दिया था और चेतावनी दी थी कि अमेरिकियों की किसी भी सैन्य भागीदारी से उन्हें ‘‘अपूरणीय क्षति’’ होगी।

400 मिसाइल और सैकड़ों ड्रोन दागे


वाशिंगटन स्थित एक ईरानी मानवाधिकार समूह ने बताया कि ईरान में 263 आम नागरिकों सहित कम से कम 639 लोग मारे गए हैं और 1,300 से अधिक लोग घायल हुए हैं। जवाबी कार्रवाई में ईरान ने करीब 400 मिसाइल और सैकड़ों ड्रोन दागे हैं, जिससे इजरायल में कम से कम 24 लोग मारे गए हैं और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। इनमें से कुछ मिसाइल एवं ड्रोन मध्य इजरायल में अपार्टमेंट इमारतों पर गिरे जिससे भारी नुकसान हुआ है।