
मिडिल ईस्ट में ईरान और इजरायल के बीच भीषण और तीव्र संघर्ष शुरू हो चुका है, जो लगातार और भी खतरनाक रूप लेता जा रहा है। इजरायल की सेना ईरान के परमाणु संयंत्रों और मिसाइल लॉन्च साइट्स जैसे रणनीतिक ठिकानों को बार-बार निशाना बना रही है। सोमवार को इजरायल की ओर से किए गए ताजा हमलों के बाद देश में तेज़ धमाकों की गूंज सुनाई दी, जिससे राजधानी सहित कई इलाकों में भूकंप जैसी स्थिति बन गई। ईरान के फोर्डो परमाणु सुविधा केंद्र के पास भूकंपीय झटका महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.5 मापी गई।
इस बीच ईरान ने भी इजरायल पर कई जवाबी हमले तेज़ कर दिए हैं। वहीं सबसे चौंकाने वाली खबर यह आई है कि ईरान के सर्वोच्च धार्मिक और राजनीतिक नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने खुद को संभावित हमलों से सुरक्षित रखने के लिए एक अज्ञात लोकेशन पर बने बंकर में शरण ले ली है।
ईरान इंटरनेशनल की एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खामेनेई को विशेष सुरक्षा के तहत तेहरान में एक अंडरग्राउंड सुरक्षित बंकर में स्थानांतरित कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, इस दौरान उनका पूरा परिवार भी उनके साथ मौजूद है। यही नहीं, खामेनेई के उत्तराधिकारी माने जाने वाले उनके बेटे मोजतबा खामेनेई भी इस संकट की घड़ी में उनके साथ बंकर में रह रहे हैं।
ईरानी प्रशासन ने सोमवार को एक आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि इजरायल द्वारा शुक्रवार से शुरू किए गए हवाई हमलों में अब तक 224 ईरानी नागरिकों की जान जा चुकी है। इन मृतकों में देश के कई शीर्ष सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक शामिल हैं, जो ईरान की सामरिक शक्ति की रीढ़ माने जाते हैं। इसके अलावा, 1,000 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर है।
वहीं दूसरी ओर, इजरायल ने दावा किया है कि ईरान की ओर से किए गए जवाबी हमलों में उसके 14 नागरिकों की मौत हुई है और 300 से ज्यादा लोग घायल हैं। इजरायल ने शुक्रवार सुबह एक बड़े ऑपरेशन की शुरुआत की थी, जिसे ऑपरेशन राइजिंग लॉयन नाम दिया गया। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम, मिसाइल निर्माण इकाइयों और सैन्य ढांचे को पूरी तरह ध्वस्त करना था।
जवाब में, ईरान ने भी पूरी ताकत के साथ प्रतिक्रिया दी और इजरायल के कई संवेदनशील ठिकानों को निशाना बनाते हुए मिसाइल और ड्रोन हमले किए। इस जंग की तीव्रता और अनिश्चितता ने पूरे मध्य पूर्व को संकट में डाल दिया है, जबकि वैश्विक स्तर पर भी चिंता गहराती जा रही है।