अब ब्रिटेन के पब में चख सकेंगे गोवा की फेणी और केरल की ताड़ी का स्वाद

अब भारत के पारंपरिक शिल्प पेय जैसे गोवा की फेणी, केरल की ताड़ी और नासिक की शिल्प वाइन की खुशबू और स्वाद ब्रिटेन के पब और होटल्स में भी बिखरेगा। भारत और ब्रिटेन के बीच हुए नए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) के बाद इन देसी ड्रिंक्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलने जा रही है।

पारंपरिक पेयों को मिलेगा GI टैग का संरक्षण

एफटीए पर दस्तखत होने के बाद इन पेयों को भौगोलिक संकेत (Geographical Indication - GI) टैग की सुरक्षा मिलेगी, जिससे इनका दायरा अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहेगा। गोवा की सुगंधित फेणी, नासिक की शिल्प वाइन और केरल की ताड़ी अब ब्रिटेन के सुपरमार्केट्स से लेकर रेस्टोरेंट्स और बार के मेन्यू तक में शामिल होंगी।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि ये पारंपरिक पेय अब ब्रिटेन की हाई-एंड रिटेल और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री का हिस्सा बनेंगे। इससे न केवल इन उत्पादों को पहचान मिलेगी, बल्कि भारतीय पेय संस्कृति को भी वैश्विक मंच मिलेगा।

एक्सपोर्ट बढ़ेगा, भारत की छवि को मिलेगी मजबूती

सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक भारत के अल्कोहलिक ड्रिंक्स का निर्यात 1 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाए। अभी यह आंकड़ा करीब 370.5 मिलियन डॉलर है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सेक्टर तेजी से उभर रहा है और वैश्विक बाज़ार में इसकी संभावनाएं बहुत अधिक हैं।

भारतीय जिन, बीयर, रम और वाइन जैसे पेय अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड पर खरी उतरते हैं। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) का कहना है कि भारतीय ब्रांड्स विदेशों में प्रीमियम सेगमेंट में अपनी जगह बना सकते हैं।

वैश्विक मंच पर बढ़ेगा भारत का योगदान


वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने 2,200 करोड़ रुपये से ज्यादा के अल्कोहलिक ड्रिंक्स का निर्यात किया। भारत का लक्ष्य है कि वह आने वाले वर्षों में दुनिया के टॉप 10 शराब निर्यातकों में शामिल हो जाए। फिलहाल, भारत इस सूची में 40वें पायदान पर है।

भारत से सबसे ज्यादा निर्यात यूएई, सिंगापुर, नीदरलैंड, तंजानिया, अंगोला, केन्या और रवांडा जैसे देशों में होता है। लेकिन अब यूके के बाजार में प्रवेश के साथ भारत की शराब इंडस्ट्री को नया बूस्ट मिलेगा और यह लोकल को ग्लोबल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।