बांग्लादेश: कौन था हिंदू युवक दीपू चंद्र दास? ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर मारा, 7 आरोपी गिरफ्तार

बांग्लादेश में प्रमुख युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद से देश में हिंसा और तनाव का माहौल बना हुआ है। इसी दौरान एक हिंदू युवक की भीड़ ने बेरहमी से पिटाई करके हत्या कर दी, जिससे क्षेत्र में असुरक्षा और बढ़ गई। आइए जानते हैं कि कौन था यह युवक और किन परिस्थितियों में उसकी हत्या हुई।

दीपू चंद्र दास कौन था?

मयमनसिंह का रहने वाला 25 वर्षीय दीपू चंद्र दास हिंदू समुदाय से संबंध रखता था। वह स्क्वायर मास्टरबारी इलाके में पायनियर निट कंपोजिट फैक्ट्री में मजदूरी करता था और अपने परिवार का पालन-पोषण करता था।

घटना के अनुसार, दीपू चंद्र पर आरोप है कि उन्होंने विश्व अरबी भाषा दिवस के अवसर पर कारखाने में आयोजित कार्यक्रम के दौरान इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की। इसके बाद क्षेत्र में तनाव फैल गया और गुस्साई भीड़ ने उसकी जान ले ली।

हत्या के बाद की भयावह घटनाएं

भालुका मॉडल पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर अब्दुल मलिक ने बताया कि हत्या के बाद भीड़ ने दीपू चंद्र का शव ढाका-मयमनसिंह राजमार्ग के किनारे फेंक दिया और उसमें आग लगा दी। इससे सड़क पर यातायात ठप हो गया। इसके बाद अधजले शव को भीड़ ने पेड़ में बांधकर जलाया, जिससे माहौल और तनावपूर्ण हो गया।

एनडीटीवी को दी गई जानकारी में मृतक के पिता रविलाल दास ने कहा कि उनके परिवार को इस घटना की जानकारी सबसे पहले सोशल मीडिया के माध्यम से मिली। उन्होंने अपने बेटे की मौत पर गहरा दुख जताया।

7 आरोपियों की गिरफ्तारी

रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) ने दीपू चंद्र दास की बेरहमी से हत्या के मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है। अंतरिम सरकार ने बयान में कहा कि RAB-14 की विभिन्न जगहों पर की गई कार्रवाइयों के बाद ये गिरफ्तारियां संभव हुई हैं।

मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की उम्र 19 से 46 साल के बीच है और इस जघन्य अपराध के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान

गिरफ्तार किए गए सात संदिग्धों में मोहम्मद लिमोन (19), मोहम्मद तारेक हुसैन (19), मोहम्मद माणिक मिया (20), इरशाद अली, निजुम उद्दीन, अलोमगीर हुसैन (38) और मोहम्मद मिराज हुसैन एकॉन (46) शामिल हैं।