
वॉशिंगटन: 21 जून की रात इतिहास में एक ऐसे पल के तौर पर दर्ज हो गई जब अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर अब तक का सबसे बड़ा और सटीक हवाई हमला किया। इस ऑपरेशन को नाम दिया गया – ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’, और इसमें अमेरिका के सात अत्याधुनिक B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर्स ने हिस्सा लिया। ये विमान मिसूरी के व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से ठीक रात 12:01 बजे उड़ान भरते हैं और करीब 37 घंटे की लंबी उड़ान के बाद मिशन पूरा कर सुरक्षित लौट आते हैं। यह B-2 बॉम्बर्स का 2001 के बाद सबसे लंबा मिशन था, जिसने अमेरिका की सैन्य ताकत और रणनीतिक दक्षता को फिर एक बार दुनिया के सामने रखा।
अब अमेरिका ने इस हाई-प्रोफाइल मिशन के दौरान B-2 बॉम्बर्स के टेकऑफ का वीडियो जारी किया है, जिसने सोशल मीडिया पर रोमांच और उत्सुकता की लहर पैदा कर दी है।
वीडियो में क्या खास है?अमेरिका द्वारा जारी किए गए इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि कैसे ये घातक बॉम्बर्स अंधेरी रात के सन्नाटे को चीरते हुए आकाश में उड़ान भरते हैं। इस वीडियो में हर फ्रेम से मिशन की गंभीरता और गोपनीयता झलकती है। टेकऑफ का पल बेहद रोमांचक है, मानो कोई हॉलीवुड की युद्ध फिल्म हो।
यह सिर्फ एक मिशन नहीं था, बल्कि तकनीकी पराक्रम और सैन्य रणनीति का बेजोड़ उदाहरण था। हालांकि इस हमले से ईरान और अमेरिका के बीच तनाव और गहरा सकता है, लेकिन फिलहाल डोनाल्ड ट्रंप ने सीजफायर की घोषणा कर हालात को थोड़ा नियंत्रित करने की कोशिश की है।
ऑपरेशन को अंजाम कैसे दिया गया?इस ऑपरेशन के दौरान B-2 बॉम्बर्स ने GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) नामक बम गिराए, जिनका वजन 30,000 पाउंड होता है और ये ज़मीन के 200 फीट नीचे तक घुसकर फटते हैं। इन बमों का उद्देश्य था – फोर्डो, नतांज़ और इस्फहान जैसे गहराई में स्थित ईरानी परमाणु ठिकानों को पूरी तरह नेस्तनाबूद करना।
मिशन के दौरान 14 MOP बमों को लक्ष्यों पर गिराया गया, जिससे जबरदस्त क्षति हुई। ये बम खासतौर पर देरी से फटने के लिए डिजाइन किए गए थे, जिससे नुकसान का स्तर कई गुना बढ़ गया।
टॉमहॉक मिसाइलें और हवा से हवा में सहयोगमिशन को और प्रभावी बनाने के लिए एक अमेरिकी पनडुब्बी ने पहले ही 24 से ज्यादा टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलें दाग दी थीं, जो सतह पर स्थित ईरानी ठिकानों को निशाना बना रही थीं। इसके बाद चौथी और पांचवीं पीढ़ी के अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों ने फाइटर जेट्स और दुश्मन के मिसाइल खतरों को बेअसर किया।
सबसे खास बात ये रही कि अमेरिका ने डिकॉय तकनीक यानी नकली हमलों की रणनीति भी अपनाई, जिससे ईरान की एयर डिफेंस चकमा खा गई और असली हमलावर विमान लक्ष्य तक आसानी से पहुंच गए।