अमेरिका में बढ़ती महंगाई और उपभोक्ताओं की नाराजगी के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अहम निर्णय लिया है। उन्होंने खाद्य और कृषि उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ को घटा दिया है, जिससे भारत के आम, अनार और चाय के निर्यातकों को फायदा मिलने की संभावना है।
महंगाई और चुनावी दबाव ने बदली नीति
ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ का सीधा असर अमेरिकी उपभोक्ताओं पर पड़ रहा था। हाल ही में न्यूयॉर्क में हुए मेयर और गर्वनर चुनावों में महंगाई प्रमुख मुद्दा रही, जिससे ट्रंप को नुकसान हुआ। इसके बाद उन्होंने बीफ, कॉफी, फलों और अन्य कृषि उत्पादों पर टैरिफ घटाने का फैसला किया।
भारत को क्या लाभ मिलेगाव्हाइट हाउस ने शुक्रवार को घोषणा की कि उष्णकटिबंधीय फल, जूस, चाय और मसाले उन आयातों में शामिल होंगे जिन पर अब पारस्परिक शुल्क नहीं लगेगा। इसके अलावा कॉफी, कोको, संतरे, टमाटर और बीफ भी इसमें शामिल हैं। इससे भारत के आम, अनार और चाय निर्यात में वृद्धि होने की संभावना है।
पहले भारत से आयात होने वाली जेनेरिक दवाओं पर लगाए गए शुल्क को हटाकर भारत को अमेरिका में जेनेरिक दवाओं की 47 प्रतिशत आपूर्ति करने का लाभ मिला था। अब खाद्य और कृषि उत्पादों पर टैरिफ घटने से भारत के निर्यातकों को अतिरिक्त अवसर मिलेंगे।
ट्रंप की लोकप्रियता और जनता की नाराजगीएनबीसी न्यूज के ताजा सर्वेक्षण में 63 प्रतिशत पंजीकृत मतदाताओं ने कहा कि ट्रंप उनकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे, जबकि 30 प्रतिशत रिपब्लिकन इससे सहमत थे। ट्रंप ने महंगाई और किफायतीपन के मुद्दे को डेमोक्रेट्स का पूरी तरह धोखा बताते हुए खारिज किया। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल में कम पेट्रोल और ऊर्जा की कीमतों और उच्च मुद्रास्फीति दर का जिक्र किया।
आयात की कीमतों में वृद्धिसितंबर के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के अनुसार, भुनी हुई कॉफी की कीमतों में 18.9 प्रतिशत और बीफ-वील में 14.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। भारतीय मसाले और खाद्य पदार्थों के आयात की कीमतें लगभग 30 प्रतिशत बढ़ गई थीं।
आम और अनार के निर्यात में संभावित बढ़ोतरीपूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के कार्यकाल में टैरिफ हटाने के बाद भारत से आम के निर्यात ने विशेष महत्व हासिल किया। फरवरी में ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान जारी संयुक्त बयान में भारत के आम और अनार के निर्यात बढ़ाने के अमेरिकी कदमों की भी सराहना की गई। इससे भारतीय किसानों और निर्यातकों को अमेरिका में नए अवसर मिलने की उम्मीद है।