इस रहस्यमय जीव को मिला हैं 'अमरता का वरदान', कटने के बाद भी रहता है जिंदा

यह धरती लाखों-करोड़ों जीव-जंतुओं से मिलकर बनी हैं जो कि सभी अपनी अलग विशेषता के लिए जाने जाते हैं। हर जीव की अपनी एक आयु होती हैं जिसके बाद वह मृत्यु को प्राप्त हो जाता हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे जीव के बारे में बताने जा रहे हैं जिसको 'अमरता का वरदान' प्राप्त हैं और कटने के बाद भी वह जिंदा रहता हैं। हम बात कर रहे हैं जेलीफिश की जो अपने अजीबोगरीब गुण की वजह से दुनियाभर में प्रसिद्ध है। दरअसल, जेलीफिश एक प्रकार की मछली है। दुनियाभर में इसकी 1500 से भी ज्यादा प्रजातियां हैं। यह दिखने में पारदर्शी होती हैं, लेकिन इंसानों के लिए यह बेहद ही खतरनाक भी होती हैं। यह अपने डंक से किसी भी इंसान को पलभर में मौत की नींद सुला सकती है।

जेलीफिश समुद्र की अथाह गहराइयों में पाई जाती हैं, जहां सूरज की रोशनी भी नहीं पहुंच पाती, इसलिए इंसानों को इनसे ज्यादा खतरा महसूस नहीं होता। कहा जाता है कि धरती पर जेलीफिश का अस्तित्व सदियों पुराना है। यह डायनासोर के काल से ही धरती पर मौजूद हैं। जेलीफिश दुनिया की इकलौती ऐसी मछली है, जिसमें 95 फीसदी तक पानी होता है। इसी गुण के कारण यह मछली पारदर्शी दिखाई देती है। कहा जाता है कि जेलीफिश के पास दिमाग नहीं होता है, इसी कारण उसके आसपास हमेशा छोटी-बड़ी मछलियों का झुंड जमा रहता है, क्योंकि वो इसके आसपास खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं।

जेलीफिश की लंबाई औसतन छह फीट तक होती है और इसका वजन 200 किलोग्राम तक होता है। अब तक की सबसे बड़ी जेलीफिश अमेरिका के समुद्र में मिली थी, जिसका लंबाई 7।6 फीट थी और उसकी मूंछें 120 फीट लंबी थीं। जेलीफिश दिखने में तो बहुत खूबसूरत लगती हैं, लेकिन अगर उनकी मूंछें किसी इंसान की त्वचा से छू जाएं तो उनका तत्काल इलाज कराना पड़ता है, क्योंकि उनकी मूंछें इतनी जहरीली होती हैं कि वो त्वचा को काफी नुकसान पहुंचाती हैं। जेलीफिश को कभी न मरने वाला जीव कहा जाता है, क्योंकि इसके अंदर ऐसी खासियत होती है कि इसको अगर दो भागों में भी काट दिया जाए तो यह मरती नहीं है, बल्कि उन दोनों भागों से अलग-अलग जेलीफिश का जन्म होता है।