भारत के इन गांव में करवा चौथ मनाने से कतराती है महिलाएं, कारण बनी 600 साल पुरानी एक घटना

हमारे भारत देश में कई व्रत और त्यौंहार आते हैं और सभी धूमधाम से मनाए जाते है। ऐसा ही एक व्रत हैं करवा चौथ का जिसका हर सुहागन महिला को इंतजार रहता हैं क्योंकि यह व्रत पति की लम्बी उम्र के लिए किया जाता हैं। लेकिन भारत में ही कुछ ऐसे गांव हैं जहां करवा चौथ का व्रत करने से महिलाएं कतराती हैं। इसके पीछे का कारण 600 साल पुरानी एक घटना हैं। आइये जानते है उन घटना के बारे में।

दरअसल, भारत में ऐसे तीन गाँव हैं, जहां पर इस व्रत को करने से पति की उम्र कम हो जाती है। ऐसा यहां के लोगों का मानना है। इसी वजह से सालों से इस गांव की महिलाएं यही दुआ करती हैं कि आने वाले समय में कोई भी महिला इस व्रत को भूल से भी न रख लें। ये एक परम्परा भी बन चुकी है जिसके चलते कोई भी इस व्रत को नहीं करता। इस व्रतको करना अपशगुन माना जाता है। आपको बता दे, ये तीन गांव करनाल जिले के कतलाहेडी, गोंदर व औंगद है जहां पर करवाचौथ का व्रत रखना मना है। इस दिन उपवास करने कि बजाए ये कामना करती है कि कोई भी महिला भविष्य में इस व्रत को ना करें।

इसके पीछे कि कहानी कुछ ऐसी है, यहां के रहने वालों लोगों का कहना है कि करीब 600 साल पहले राहड़ा की लड़की की शादी गांव गोंदर के युवक से हुई थी, करवा चौथ से पहले की रात उसे सपना आया कि उसके पति की किसी ने हत्या कर दी है और उसका शव बाजरे की गठरियों में छुपा रखा है। घर जा कर जब वो उसी जगह पहुंची तो उसका पति मर चूका था। बस इसी के चलते आज तभी इन गाँवों में करवा चौथ का व्रत नहीं करती।