डॉक्टर सफ़ेद और वकील काला कोट पहनते हैं, लेकिन क्यों आइये हम बताते हैं

आपने देखा ही होगा कि हर पेशे की अपनी एक विशेष वेशभूषा होती हैं, जिससे व्यक्ति के काम का अंदाजा लगाया जा सकता हैं। ऐसी ही वेशभूषा डॉक्टर और वकील के पेशे की भी हैं। डॉक्टर सफ़ेद कोट औ वकील काले कोट में नजर आते हैं। लेकिन क्या आपने कभी इसके पीछे का कारण जाना हैं कि इनके कोट के रंगों का निर्धारण किस तरह हुआ हैं। तो आइये आज हम बताते हैं आपको इसके बारे में।

अदालतों की वेशभूषा हमारे यहां अंग्रेजी राज की निशानी है। यूरोप में न्यायाधीश और वकील लबादे पहनते हैं। ये लबादे पुराने राज दरबारों और गिरिजाघरों के पादरी भी पहनते हैं। न्यायाधीश लबादों के अलावा सिर पर खास प्रकार की टोपी भी पहनते थे। बहरहाल इन परिधानों में दुनियाभर में बदलाव हो रहे हैं। हमारे यहां भी यह मांग उठती है कि वकीलों के परिधान में बदलाव किया जाए। हमारे वकील सफेद कपड़ों पर काले कोट और सफेद रंग की नेक टाई लगाते हैं, जिसमें दो पट्टियां सामने की ओर होती हैं।

वकील के काले कोट का कारण है इस काम की अंतर्विरोधी प्रवृत्ति का। न्याय से जुड़े लोगों को दो विपरीत धारणाओं के बीच में से न्यायपूर्ण निर्णय को निकालना होता है। सफेद और काले रंग विपरीत धारणाओं के प्रतीक हैं। काला रंग सुरक्षा का रंग है। वकील अपने मुवक्किल की रक्षा का प्रयास करता है।

डॉक्टरों के सफेद कोट की शुरुआत बीसवीं सदी में ही हुई है। यह रंग स्वच्छता का प्रतीक है। इसके अलावा यह रंग ईमानदारी, पवित्रता और ईश्वरत्व का प्रतिनिधि भी है।