परमाणु बम गिराने के लिए अमेरिका ने हिरोशिमा को ही क्यों चुना? जानें वजह

6 अगस्त, 1945 का दिन इतिहास में दर्ज हो चुका हैं जब अमेरिका द्वारा जापान के हिरोशिमा शहर पर परमाणु बम गिराया गया था और इस विस्फोट में लगभग एक लाख 40 हजार लोगों की मौत हुई थी। अमेरिका के बी-29 बमवर्षक विमान द्वारा इसे अंजाम दिया गया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमेरिका द्वारा परमाणु बम गिराने के लिए हिरोशिमा को ही क्यों चुना गया था। तो आइये आज हम बताते हैं इसके रहस्य के बारे में।

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बम को एक पैराशूट के जरिए गिराया गया था और जमीन से 580 मीटर की ऊंचाई पर विस्फोट किया गया था। कहते हैं कि इस विस्फोट की वजह से करीब 10 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में गहरे गड्ढे बन गए थे। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, परमाणु बम विस्फोट के बाद हिरोशिमा में जगह-जगह आग लग गई थी। ये आग इतनी भयंकर थी कि लगातार तीन दिनों तक जलती रही थी। विस्फोट होते ही भयंकर गर्मी की वजह से करीब 60 हजार से 80 हजार लोगों की मौत तुरंत हो गई थी। इसके अलावा बाद में हजारों लोग परमाणु विकिरण संबंधी बीमारियों के चलते मारे गए थे।

इस परमाणु बम का नाम 'लिटल ब्वॉय' था, जिसका वजन करीब 4400 किलोग्राम था। इसके अलावा बम की लंबाई 10 फुट औक व्यास 28 इंच था। इस बम में 6।4 किलोग्राम प्लूटोनियम था। कहते हैं कि इस बम के फटने से जमीनी स्तर पर लगभग 4,000 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी पैदा हुई थी। ये गर्मी किसी भी इंसान को पलभर में जलाकर राख बनाने के लिए काफी थी।

अब बात करते हैं कि आखिर हिरोशिमा को ही क्यों निशाना बनाया था? दरअसल, द्वितीय विश्व युद्ध के समय यह शहर जापान का अहम सैन्य ठिकाना था। इसके अलावा कहा जाता है कि अमेरिका ने ज्यादा आबादी वाले जापानी द्वीपों को निशाना बनाने से परहेज किया गया था। यही वजह है कि यहां परमाणु बम गिराया गया, जिसने इस शहर को पूरी तरह तबाह कर दिया।