क्यों ऑपरेशन के समय डॉक्टर पहनते है हरे या नीले रंग के कपड़े, कारण हैरान करने वाला

हर व्यक्ति का पहनावा उसकी पहचान बनती हैं और यह उसके काम के बारे में बताता हैं। खासतौर से डॉक्टर का सफ़ेद कोट उसे सभी से अलग दिखाता हैं। इसी के साथ ही आपने यह भी देखा होगा कि ऑपरेशन के समय हरे या नीले रंग का कपड़ा पहनकर ही डॉक्टर अपना काम करते हैं। लेकिन क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं कि आखिर क्यों ऑपरेशन के समय डॉक्टर हरे या नीले रंग के कपड़े पहनते है। आइये आज हम बताते हैं आपको इससे जुड़ी अनोखी जानकारी के बारे में।

टूडे सर्जिकल नर्स के 1998 के अंक में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, सर्जरी के समय डॉक्टरों ने हरे रंग का कपड़े पहनने इसलिए शुरू किए, क्योंकि ये आंखों को आराम देते हैं। अक्सर ऐसा होता है कि जब भी हम किसी एक रंग को लगातार देखने लगते हैं तो हमारी आंखों में अजीब सी थकान महसूस होने लगती है। हमारी आंखें सूरज या फिर किसी भी दूसरी चमकदार चीज को देख कर चौंधिया जाती हैं, लेकिन इसके तुरंत बाद अगर हम हरे रंग को देखते हैं, तो हमारी आंखों को सुकून मिलता है।

अगर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो हमारी आंखों का जैविक निर्माण कुछ इस प्रकार से हुआ है कि ये मूलतः लाल, हरा और नीला रंग देखने में सक्षम हैं। इन रंगों के ही मिश्रण से बने अन्य करोड़ों रंगों को इंसानी आंखें पहचान सकती हैं। लेकिन इन सभी रंगों की तुलना में हमारी आंखें हरा या नीला रंग ही सबसे अच्छी तरह देख सकती हैं। हमारी आंखों को हरा या नीला रंग उतना नहीं चुभता, जितना कि लाल और पीला रंग आंखों को चुभते हैं। इसी कारण हरे और नीले रंग को आंखों के लिए अच्छा माना जाता है। यही वजह है कि अस्पतालों में पर्दे से लेकर कर्मचारियों के कपड़े तक हरे या नीले रंग के ही होते हैं, ताकि अस्पताल में आने और रहने वाले मरीजों की आंखों को आराम मिल सके, उन्हें कोई परेशानी न हो।

डॉक्टर ऑपरेशन के समय हरे रंग के कपड़े इसलिए भी पहनते हैं, क्योंकि वह लगातार खून और मानव शरीर के अंदरूनी अंगों को देखकर मानसिक तनाव में आ सकते हैं, ऐसे में हरा रंग देखकर उनका मस्तिष्क उस तनाव से मुक्त हो जाता है। कभी-कभी वह नीले रंग के कपड़ों में भी होते हैं। नीला रंग भी हमारे मस्तिष्क पर हरे जैसा ही प्रभाव डालता है।