चांद की वजह से होता है सूर्यग्रहण, बिना चंद्रमा के बुरा हो जाता पृथ्वी का हाल

रात के समय चांद को देखना बेहद मनमोहक दृश्य लगता हैं। चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है जो कि सूर्य की रोशनी से चमकता हैं। आज सूर्यग्रहण है जो कि पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा के आने की वजह से होता हैं। इंसान आज चांद पर कदम रख चुका हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर चांद नहीं होता तो पृथ्वी का हाल बहुत बुरा हो जाता और इसका असर मानव जाती पर भी पड़ता। तो आइये जानते हैं अगर चांद नहीं होता तो कैसी होती आज की स्थिति।

- अगर चांद नहीं होता तो धरती पर दिन-रात 24 घंटे के बजाए सिर्फ छह से 12 घंटे का ही होता। एक साल में 365 दिन नहीं बल्कि 1000 से 1400 के आसपास दिन होते।

- ये तो आप जानते ही होंगे कि रात में हल्की रोशनी चांद के कारण ही होती है, लेकिन जब चांद ही नहीं होता तो रोशनी भी नहीं होती। हर जगह गहरा अंधेरा ही छाया रहता।

- चांद अगर नहीं होता तो धरती पर न तो चंद्रग्रहण होता और ना ही सूर्यग्रहण, क्योंकि सूरज को ढंकने के लिए चंद्रमा होता ही नहीं।

- चूंकि पृथ्वी 23.5 अक्ष पर झुकी हुई है, लेकिन अगर चांद नहीं होता तो ये किसी को नहीं पता कि पृथ्वी का झुकाव कितने अक्ष पर होता और उस झुकाव के कारण पृथ्वी पर कैसा मौसम होता।

- वैज्ञानिकों की मानें तो अगर चांद नहीं होता, तो शायद पृथ्वी पर मानव जाति का उदय भी नहीं हुआ होता, क्योंकि समुद्रों में ज्वार भाटा ही नहीं आता, जिससे जमीन और समुद्री जल के बीच पोषक तत्वों के आदान-प्रदान की प्रक्रिया धीरे हो जाती और धरती पर मानव जाति होती भी या नहीं, ये कहना मुश्किल है।