निर्भया के दोषियों का डेथ वारंट जारी, जानें कैसे दी जाती हैं फांसी

दिल्ली की पटियाला कोर्ट द्वारा एक बार फिर निर्भया केस के दोषियों के नाम डेथ वारंट जारी किया गया हैं और 3 मार्च, 2020 का दिन सजा के लिए मुकम्मल किया गया हैं। ऐसे में सभी के मन में कई सवाल उठते हैं और जानने की इच्छा होती हैं कि फांसी की प्रक्रिया क्या होती हैं। तो आइये हम बताते हैं आपको इसके बारे में।

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- फांसी के दिन कैदी सुबह 5 बजे उठाया जाता है। इसके बाद उसको चाय दी जाती है। उसकी इच्छा अनुसार उसे धर्म ग्रंथ पढ़ने के लिए दिया जाता है। फांसी दिए जाने से एक दिन पहले ही उसकी आखिरी इच्‍छा पूछी जाती है और जेल प्रशासन उसे पूरा करने की कोशिश भी करता है। फांसी के दौरान वहां मौजूद सभी अधिकारियों को अपनी आंखें बंद करनी पड़ती है।

- करीब एक मिनट बाद फंदे को ढीला कर शरीर को 15 फीट नीचे छोटे से तालाब में गिरा दिया जाता है उसके बाद डॉक्टर शव की जांच कर मौत की पुष्टि करता है।

- उसके बाद शव का पोस्टमार्टम किया जाता है और फिर अगर जेल सुपरिटेंडेट को ये लगे कि मरने वाले के शव और उसकी चीजों का गलत इस्तेमाल नहीं किया जाएगा तो वो शव उसके परिजनों को सौंप देते हैं।