रात में हिलती इस गुडिया की कहानी रोंगटे खड़े करने वाली, चेन व ताले से किया गया इसको बंद

आपने कठपुतली का खेल तो देखा ही होगा कि किस तरह से कलाकार अपने हाथों में डोरी बांधकर उन्हें नचवाते हैं। लेकिन जरा सोचिये कि आपका सामना किसी ऐसी कठपुतली या गुड़िया से हो जाए जो बिना किसी सहारे के चलने-फिरने लगे तो क्या होगा। ऐसा ही कुछ हुआ हैं इंग्लैंड के रहने वाले माइकल डायमंड के साथ जिन्हें दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान नाजी कैंप में कैदी रहे एक व्यक्ति की वेंट्रिलोक्विस्ट गुड़िया मिल गई। इस गुडिया का नाम मिस्टर फ्रित्ज है।

माइकल ने मिस्टर फ्रित्ज को एक ग्लास कैबिनेट में संभाल कर रख दिया। लेकिन इस गुड़िया की कुछ गतिविधियों के कारण माइकल हैरान हो गए। उन्होंने गौर किया कि रात के समय उस कैबिनेट का दरवाजा अपने आप खुल जाता था जिसमें मिस्टर फ्रित्ज को रखे थे। माइकल रोज सुबह दरवाजे को फिर से बंद कर देते थे।

पहले तो माइकल ने इस तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया लेकिन बाद में उन्होंने इस घटना की जड़ तक जाने का फैसला किया और इसके तह तक जाने के लिए उन्होंने जिस कमरे में मिस्टर फ्रित्ज को रखा था उसमें एक कैमरा लगा दिया। कैमरे से उन्होंने दो रातों की गतिविधियों को रिकॉर्ड किया।

माइकल ने जब विडियो देखा तो उनके होश उड़ गए। विडियो में कैबिनेट का दरवाजा अपने आप खुल जाता है और गुड़िया अपना मुंह हिलाते और आंखें झपकाते नजर आ रही है। एक निर्जीव वस्तु स्वयं कैसे हिल सकती है इस बात का माइकल को कोई अंदाजा नहीं है क्योंकि उस कमरे में कोई खिड़की भी नहीं हैै। यहां तक कि कमरे में हवा आने तक की कोई जगह भी नहीं है और कैबिनेट का दरवाजा भी कुंडी के सहारे बंद रहता है तो वह अपने आप कैसे खुल सकता है।

माइकल को विश्वास हो गया है कि दूसरे विश्वयुद्ध के समय की इस वेंट्रिलोक्विस्ट गुडिया पर किसी प्रेत आत्मा का साया है और यह भूतिया है। उन्होंने जब पूरी बात अपनी पत्नी शैली व बेटी एंबर को बताई तो उन्हें यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं आई। माइकल ने उस ग्लास डिसप्ले कैबिनेट को चेन व ताले से बंद कर दिया है और उसपर कपड़ा ढक दिया है।