दुनिया की अजीबोगरीब प्रतियोगिताएँ, जिनके बारे में जान उड़ जायेंगे आपके होश

वर्तमान समय में खेलों के प्रति लोगों की दिलचस्पी देखने को मिलती हैं। खासकर क्रिकेट और फुटबॉल जैसे खेलों की दिलचस्पी सभी लोगों में होती हैं। लेकिन इनके अलावा भी कई खेल हैं जो लोगों द्वारा पसंद किये जाते हैं। लेकिन आज हम आपको जिन खेलों के बारे में बताने जा रहे हैं वे बड़े ही अजीबोगरीब खेल हैं और क्षेत्र विशेष में प्रचलित हैं। ये खेल कुछ इस तरह के हैं जिनकी कल्पना करना भी मुश्किल हैं। तो आइये जानते हैं दुनिया की इन अजीबोगरीब प्रतियोगिताओं के बारे में।

* चीज रोलिंग

इस खेल में चीज की एक भेली को ऊंची पहाड़ी से नीचे फेंका जाता है। किसी पहिये जैसी यह भेली करीब 40 किलो की होती है। लोग इसे पकड़ने के लिए इसके पीछे पीछे भागने लगते हैं। जाहिर है कोई इसकी रफ्तार से तो नहीं भाग सकता लेकिन लुढ़कते हुए लोग भी नीचे तक आते हैं और जिसके हाथ यह सबसे पहले लग जाती है, वह विजेता कहलाता है।

* एक्स्ट्रीम आयरनिंग

एक आयरनिंग बोर्ड ले कर अपने कपड़ों को इस्तरी करना है लेकिन अपने कमरे में नहीं, बल्कि कभी किसी पहाड़ की चोटी पर, तो कभी हवा में स्काई डाइविंग करते हुए। इस अजीब खेल की शुरुआत इंग्लैंड में हुई। एक्स्ट्रीम स्पोर्ट्स के शौकीन टीम बना कर इसे खेलते हैं और कभी साइकिल चलाते हुए कपड़े इस्तरी करते हैं, तो कभी किसी चट्टान से टंग कर।

* डीयर कॉलिंग

किसी जमाने में शिकारी हिरण को पकड़ने के लिए उन्हीं की आवाज निकाला करते थे। आज यह एक प्रतियोगिता का रूप ले चुकी है। जर्मनी में हर साल दुनिया भर से लोग इसमें हिस्सा लेने के लिए आते हैं। कोई प्लास्टिक की पाइप का इस्तेमाल करता है, कोई शंख का, तो कोई सींगों का। प्यारे मेमने की आवाज भी निकालनी होती है और गुस्सैल बूढ़े हिरण की भी।

* हाई हील रेस

इसकी शुरुआत हुई 1986 में अमेरिका के वॉशिंगटन में। और मजे की बात यह है कि इसमें महिलाएं नहीं पुरुष हिस्सा लिया करते थे। आज भी इस प्रतियोगिता का नाम "दी हाई हील ड्रैग क्वीन रेस" है। ड्रैग क्वीन यानि महिला के लिबास में पुरुष। हालांकि इतने सालों में यह प्रतियोगिता दुनिया भर में फैल गयी है और अब महिलाएं भी इसमें भाग लेती हैं।

* एयर गिटार

इसे दुनिया का सबसे हल्का म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट कहा जाने लगा है, लेकिन दरअसल यह है ही नहीं। प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वालों को किसी रॉकस्टार की तरह पेश आना होता है और इस तरह से हाथ चलाना होता है मानो सच में गिटार बजा रहे हों। किसी जमाने में इसे बेवकूफी और पागलपन माना जाता था लेकिन अब फिनलैंड में हर साल इसकी प्रतियोगिता होती है।