हवा में फैलें प्रदूषण से इंसान ही नहीं भगवान भी परेशानी में आ गए है। काशी में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में देवी देवताओं की प्रतिमा को मास्क पहना दिया गया है, ताकि उन्हें प्रदूषण के खतरे से बचाया जा सके। बनारस के लोग प्रदूषित हवा से बचने के लिए इन दिनों मास्क पहने नजर आ रहे हैं। वाराणसी के सिगरा स्थित काशी विद्यापीठ विद्यालय के नजदीक स्थित भगवान शिव-पर्वती के मंदिर में स्थापित प्रतिमाओं को यहां के पुजारी और कुछ भक्तों ने मास्क पहना दिए हैं।
पुजारी हरीश मिश्रा ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, 'वाराणसी आस्था की नगरी है। हम आस्थावान लोग भगवान के इंसानी रूप को महसूस करते हैं। गर्मी में भगवान की प्रतिमाओं को शीतलता प्रदान करने के लिए चंदन लेपन करते हैं। शरद ऋतु में इन्हें कंबल और स्वेटर भी पहनाए जाते हैं। जब हम इन्हें इंसानी रूप में मानते हैं तो उन पर भी प्रदूषण का असर हो रहा होगा इसीलिए यहां स्थित प्रतिमाओं को हमने मास्क पहना दिया है।' हरीश मिश्रा ने बताया कि उन्होंने प्रतिमाओं को कई घंटे तक मास्क पहनाए रखा। जब काली जी की प्रतिमा में मास्क लगाया गया तो उनकी जीभ ढक गई थी। शास्त्र के अनुसार, उनकी जिह्वा ढकनी नहीं चाहिए। इसीलिए बाद में उनका मास्क उतार दिया गया। पुजारी ने बताया कि यहां पर प्रदूषण लेवल बहुत ज्यादा बढ़ गया है। स्मॉग से निबटने के लिए फायर फाइटिंग टीम को तैनात करना पड़ा। शहर में फायर ब्रिगेड टीमें पेड़-पौधों पर पानी की फुहार के साथ ही उनपर जमी धूल को झाड़ने के लिए प्रयास कर रही हैं। यहां हवा में पीएम 2.5 का इंडेक्स 500 के करीब पहुंच चुका है।
वाराणसी में सपा के पूर्व पार्षद रविकांत विश्वकर्मा ने मिसिर पोखरा स्थित तारकेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग को मास्क पहनाकर शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण का विरोध किया। इसके बाद लक्सा क्षेत्र में लोगों को मास्क बांटे। उन्होंने कहा कि हम बाबा को सजीव मानते हैं। इसलिए उन्हें मास्क पहनाया। उन्होंने इसके लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया। इस दौरान सुधांशु पांडेय, सानू सिन्हा, संदीप मिश्र, रोशन राय आदि मौजूद रहे।