उत्तर प्रदेश से एक मगरमच्छ को बंधक बनाने और उसे छोड़ने को लेकर फिरौती मांगने का मामला सामने आया है। लखीमपुर खीरी जिला हेडक्वार्टर से करीब 50 किलोमटीर दूर मिदनिया गांव के लोगों ने एक मगरमच्छ को बंधक बना लिया । बाद में इन्होंने इसे छोड़ने के लिए वन विभाग से 50 हज़ार रुपये की फिरौती मांगी।
दरअसल गांव से कुछ दूर दुधवा नेशनल पार्क है। कहा जा रहा है कि बाढ़ के पानी में बहकर मगरमच्छ गांव के तालाब में पहुंच गया। इसके बाद गांव के लोगों ने इस मगरमच्छ को पकड़ कर बंधक बना लिया। क्या है पूरा मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस घटना की शुरुआत मंगलवार को हुई। रिजर्व बफर एरिया के डेप्युटी डायरेक्टर अनिल पटेल ने बताया कि मिदनिया गांव से उन्हें फोन आया कि उनके यहां तालाब में एक मगरमच्छ तैर रहा है। साथ ही उन्हें ये भी बताया गया कि मगरमच्छ के आने से गांव के बच्चे और मवेशी दहशत में हैं। इसके बाद फॉर्सेट डिपार्टमेंट की तरफ से मगरमच्छ को पकड़ने के लिए एक टीम भेजी गई, लेकिन मगरमच्छ की तलाश में शाम हो गई। रात के अंधेरे में अधिकारियों ने ऑपरेशन को बीच में ही रोक दिया। इसके बाद बुधवार सुबह 9 बजे गांव वालों ने फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को फिर से फोन किया और कहा कि वो अब और ज़्यादा इंतज़ार नहीं कर सकते हैं। विभाग के लोग जब गांव पहुंचे तो उन्हें ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा। लोगों ने तालाब का पानी खुद निकालकर मगरमच्छ को रस्सी से बांधकर बाहर निकाल लिया। गांव के लोगों ने कहा उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर मगरमच्छ को पकड़ा है। इसलिए उन्हें इसका मुआवजा मिलना चाहिए। गांव के प्रधान ने डिपार्टमेंट को उन 15 लोगों के नाम की लिस्ट भी दी जिन्होंने मगरमच्छ को पकड़ने में मदद की थी। ये सब 50 हजार रुपये की मांग कर रहे थे। वन विभाग ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है कि उन्हें पैसे दिए जाएं। लेकिन गांव वालों ने वन विभाग की बात नहीं मानी। जब मामला ज्यादा गरमाने लगा तो मौके पर पुलिस को बुलानी पड़ी। पुलिस ने ग्रामीणों को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने मगरमच्छ को नहीं छोड़ा तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें इसके लिए 7 साल की जेल हो सकती है। पुलिस की घाटों समझाने के बाद गांव वालों ने मगरमच्छ को छोड़ दिया।