UP: चंदौली में दो गांव के लोग एक-दूसरे पर फेंकते हैं पत्थर, महिलाएं और युवतियां भी होती शामिल

उत्तर प्रदेश के चंदौली में बरसों से एक लोक मान्यता चली आ रही है। यह परंपरा नाग पंचमी के दिन निभाई जाती है। इस परंपरा के तहत बिसुपुर व महुआरीखास गांव के लोग एक दूसरे पर पत्थर बरसाते हैं। लोगों का मानना है कि ऐसा करने से उनके गांव में महामारी नहीं आती और सूखा नहीं पड़ता। वर्षों से चली आ रही इस परंपरा का बखूबी निर्वहन आज भी ग्रामीण कर रहे हैं।

चंदौली जिले के बीसूपुर- महुआरीखास गांव में लोग पुलिस की मौजूदगी में एक दूसरे पर पत्थर बरसाते हैं। यहां रहने वाले लोगों की मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन ऐसा करने से दोनों गांवों में महामारी नहीं आती और सूखा नहीं पड़ता। इस परंपरा के निर्वहन में युवाओं के साथ बड़ी संख्या में गांव की महिलाएं व युवतियां भी शामिल होती हैं।

गालीगलौज से होता है शुरू

नाग पंचमी के दिन सुबह दोनों बिसुपुर व महुआरीखास गांव की महिलाएं व पुरुष अपने -अपने गांव में सुबह मंदिरों व घरों में नागपंचमी पर्व पर पूजन-अर्चन के बाद झूले का आंनद लेते हैं। कजरी गीत के बाद शाम करीब 4 बजे के बाद दोनों गांव के लोग दोनों गांवों के बीच स्थित नाले के दोनों किनारों पर इकट्ठा हो जाते हैं। दोनों गांव की महिला व पुरुष एक-दूसरे को गालीगलौज देना शुरू कर देते हैं। इसे देखने के लिए आसपास व दूरदराज के गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचते हैं। फिर शुरू होता है कंकड़-पत्थर फेंकने का दौर। यह तब तक चलता है जब तक दोनों तरफ से किसी एक के सर से खून न निकल जाए। पहले इस परंपरा के दौरान काफी लोग चोटिल हो जाते थे। वहीं सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मी भी घायल हो जाते थे। लेकिन पुलिस प्रशासन की सक्रियता के वजह से सिर्फ दोनों गांवों में परंपराओं निर्वहन किया जाता है। ताकि दोनों गांवों में कोई अप्रिय घटना न हो सकें।