बरेली में हाल ही में हुई एक शादी चर्चा का विषय बनी हुई है। इस शादी में दूल्हा ईसाई, दुल्हन मुस्लिम लेकिन शादी हुई पूरी हिंदू परंपरा से। मांग भरी गई, सात फेरे लिए गए, कन्यादान और गोद भराई की रस्म भी निभाई गई। मिली जानकारी के अनुसार ये अनूठी शादी बरेली स्थित अगस्त्य मुनि के आश्रम में हुई। मंदिर के महंत और हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने सभी रस्मों रिवाज को पूरा किया।
जानकारी के अनुसार सुमित नामक ईसाई युवक और नूर बी प्यार करते थे। इसके साथ ही दोनों सनातनी संस्कारों से भी काफी प्रभावित थे और इसकी ओर आकर्षित भी हुए। ऐसे में सुमित और नूर ने सनातम धर्म अपनाने का फैसला किया। इसके बाद दोनों ने सनातन धर्म अपनाया और उसी के अनुसार शादी भी की। दोनों ने एक दूसरे का इस पूरे समय साथ दिया। सभी रस्में पूरी होने के बाद नूर बी ने अपना नाम निशा बताया। शादी के बाद वो खुशी खुशी अपने पति के साथ ससुराल चली गई। इन दोनों की लव स्टोरी भी करीब 3 साल पुरानी है।
पीलीभीत की रहने वाली निशा और पूरनपुर के सुमित की मुलाकात इंटर मीडिएट की पढ़ाई के दौरान हुई। इस दौरान दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे लेकिन दोनों के बीच धर्म की दीवार आ गई। सुमित ईसाई थे और नूर मुस्लिम ऐसे में परिजन ने भी विरोध किया।
इस दौरान सुमित ने नूर को बताया कि उसे सनातन धर्म के संस्कार पसंद हैं। उसने नूर के सामने सनातन धर्म से शादी करने का प्रस्ताव रखा, जिसे नूर ने भी खुशी खुशी स्वीकार कर लिया। इस संबंध में सुमित ने अपने दोस्तों की मदद मांगी। जिसके बाद दोनों की शादी करवाने के लिए हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता तैयार हो गए और सुमित को लेकर अगस्तय मुनि के आश्रम पहुंचे। यहां पर दोनों की शादी हुई। इस दौरान हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने नूर की गोद भराई की रस्म निभाई, वहीं खुद महंत ने कन्यादान किया। इसके बाद सुमित ने नूर की मांग भरी और उसके साथ सात फेरे लिए।
नूर ने कहा कि अब उसका नाम निशा है और भविष्य में उसे इसी नाम से जाना जाए। वो खुद का भला बुरा समझती है और अब सुमित के साथ दूसरे शहर में जाकर सुखी से रहेगी। साथ ही उसने कहा कि वो माता रानी की भक्त है और नवरात्रों में उपवास रखेगी।