अमेरिकी सेना ने गायब कर दिया था यह रहस्यमयी जहाज, आज तक बना हुआ रहस्य

इतिहास अपनेआप में कई रहस्य समेटे हुए हैं जिनको आज तक नहीं सुलझाया जा सका हैं। जी हां, इतिहास में कुछ घटनाएं ऐसी हुई हैं जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया और उनकी सच्चाई आज तक कोई नहीं जान पाया हैं। ऐसी ही एक घटना हुई थी 28 अक्टूबर 1943 को जब अमेरिकी सेना द्वारा एक प्रयोग कर जहाज को गायब कर दिया गया। 77 साल पहले घटी इस घटना का रहस्य आज तक नहीं सुलझाया जा सका हैं। इस घटना को 'फिलाडेल्फिया एक्सपेरिमेंट' के नाम से जाना जाता है।

वो द्वितीय विश्व युद्ध का समय था। इस दौरान कई देश अपनी समुद्री जहाजों को दुश्मन देशों के लड़ाकू विमानों से छिपाए जाने के तरीके खोज रहे थे। इसी बीच 28 अक्तूबर 1943 को अमेरिकी सेना द्वारा एक प्रयोग किया गया और वो प्रयोग था 1200 टन वजनी यूएसएस एल्ड्रिज नामक समुद्री जहाज को गायब कर देने का, ताकि दुश्मन देश को चकमा दिया जा सके।

माना जाता है कि जहाज को गायब करने के लिए उसमें कई जनरेटर लगाए गए थे, जिससे पैदा होने वाली बिजली से मैग्नेटिक फील्ड (चुंबकीय क्षेत्र) में रहस्यमय बदलाव करना था। इस बदलाव से ऐसा होता कि जहाज रडार से तो गायब हो ही जाता, साथ ही साथ वह वास्तविक तौर पर भी किसी को नहीं दिखता।

कहते हैं कि जैसे ही ये प्रयोग शुरू हुआ, जहाज के आसपास भारी मात्रा में हरे रंग का धुआं निकलने लगा। इसे धुएं के निकलने के बाद जहाज पहले रडार से गायब हो गया और उसके बाद पूरा का पूरा जहाज ही अदृश्य हो गया। प्रयोग सफल होता देख अमेरिकी सेना खुश हो गई, लेकिन उनकी ये खुशी ज्यादा देर तक नहीं टिक सकी।

गायब हुए जहाज को जब अमेरिकी सेना ने वापस लाने की कोशिश की, तो वह वापस नहीं आ सका। अब सेना को चिंता होने लगी, क्योंकि उस जहाज में कई अमेरिकी सैनिक भी थे। काफी कोशिश हुई, लेकिन जहाज को वापस लाने में सफलता नहीं मिली। बाद में आखिरकार अमेरिकी सेना को वो जहाज गायब हुए जगह से 300 किलोमीटर की दूरी पर मिला, जिसे देख कर प्रयोग करने वाले वैज्ञानिक हैरान हो गए। इसके अलावा इसमें सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये थी कि गायब हुए जहाज पर मौजूद अधिकतर लोग या तो मारे गए थे या वो पागलपन की अवस्था में जा चुके थे।

कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि जहाज ने समय यात्रा की थी, लेकिन समय के भंवर में फंसने की वजह से उसमें मौजूद लोगों की हालत खराब हो गई। कहते हैं कि यह रहस्यमय कहानी कई सालों तक दुनिया से छुपी रही, लेकिन साल 1955 में इसका राज पहली बार तब खुला, जब एक वैज्ञानिक के पास कई अनजान पत्र आए, जिसमें 'फिलाडेल्फिया एक्सपेरिमेंट' की बात बताई गई थी। यह कहानी जब पूरी दुनिया के पास पहुंची तो सभी हैरान थे कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है।

हालांकि इस रहस्यमय घटना को लेकर किसी के पास कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है, जिससे यह साबित हो सके कि ऐसा कोई प्रयोग कभी हुआ था। यहां तक कि अमेरिकी सेना भी ऐसे किसी प्रयोग से साफ इनकार कर चुकी है। इस घटना को लेकर 'फिलाडेल्फिया एक्सपेरिमेंट' नाम की फिल्म भी बन चुकी है।