यह दुनिया अपनेआप में कई रहस्य लिए हुए हैं और कई जगहें तो ऐसी हैं जिनके बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया हैं। ऐसी ही एक अनोखी जगह हैं मिस्त्र के पिरामिड जिनके अनोखेपन के बारे में पूरा विश्व जानता हैं। यहां के पिरामिडों का इतिहास 4000 साल पुराना बताया जाता है। लेकिन आज भी इससे जुड़े कुछ रहस्य ऐसे हैं जिन्हें सुलझाया नहीं जा सका हैं। आज हम आपको उन्हीं रहस्यों से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं।
- बताया जाता है कि गीजा का महान पिरामिड 2560 ईसा पूर्व में बनवाया गया था। इसे कूफू पिरामिड के नाम से भी जाना जाता है। इस पिरामिड को प्राचीन मिस्र के राजा कूफू के शव के संरक्षण के लिए बनाया गया था।
- गीजा के ग्रेट पिरामिड की ऊंचाई करीब 450 फीट है। वहीं इस पिरामिड का जो नीचे का भाग है, वो 13 एकड़ में फैला हुआ है, जो लगभग 16 फुटबॉल के मैदान जितना बड़ा है। इस पिरामिड को बनाने में 23 लाख पत्थर ब्लॉक्स का इस्तेमाल किया गया था, जिनका वजन करीब पांच अरब 21 करोड़ किलोग्राम है। इन पत्थरों में लाइमस्टोन और ग्रेनाइट शामिल हैं।
- इस पिरामिड को बनाने में इस्तेमाल किए गए पत्थरों का वजन दो टन से लेकर 30 टन और कुछ पत्थरों का वजन तो 45 हजार किलो तक है। इसमें सबसे हैरानी की बात तो ये है कि आज के समय में भी किसी क्रेन से अधिकतम 20 हजार किलो तक का ही वजन उठाया जा सकता है, तो उस समय 45 हजार किलो वजन का पत्थर कैसे उठाकर लाया गया होगा।
- गीजा के ग्रेट पिरामिड में कुल कितने तहखाने हैं, इसके बारे में तो कोई नहीं जानता, लेकिन अभी तक के शोध के मुताबिक इसमें तीन तहखाने मिले हैं- आधार तहखाना, राजा का तहखाना और रानी का तहखाना, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि राजा के तहखाने में न तो राजा की ममी मिली और ना ही रानी के तहखाने में रानी की ममी, जबकि इस पिरामिड को राजा और रानी के शव के संरक्षण के लिए ही बनाया गया था।
- इन पिरामिडों को ऐसी जगह पर बनाया गया है कि इन्हें इजराइल के पहाड़ों से भी देखा जा सकता है। ऐसा कहा जाता है कि मिस्त्र के ये पिरामिड चांद से भी दिखाई देते हैं।
- गीजा के पिरामिड को इस तरह बनाया गया है कि इसके अंदर का तापमान हमेशा नियंत्रित रहता है। पिरामिड के बाहर का तापमान चाहे कितना भी हो, लेकिन इसके अंदर का तापमान हमेशा 20 डिग्री सेल्सियस ही रहता है। इसके अलावा यह पिरामिड किसी भी तरह के भूकंप को झेल सकता है।
- 'द ग्रेट स्फिंक्स' पूरे मिस्र की सबसे आश्चर्यजनक मूर्ति है, जिसके बारे में आजतक कोई नहीं जान पाया कि यह किसके लिए बनाया गया था। 73 मीटर लंबी और 20 मीटर ऊंची इस मूर्ति की सबसे खास बात ये है कि इसे एक ही पत्थर को काटकर बनाया गया है। यह दुनिया की सबसे बड़ी एकल पत्थर की मूर्ति है, जिसे 4000 साल पहले बनाया गया था।