26 जनवरी का दिन पूरे भारत देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन हैं क्योंकि साल 1950 में इस दिन हमारे देश का संविधान लागू किया गया था जिसके चलते हर साल यह दिन गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। इस दिन राजपथ पर पर परेड आयोजित की जाती हैं। आज हम आपको इस गणतंत्र दिवस परेड से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी देने जा रहे हैं जिनके बारे में आप शायद ही जानते होंगे। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।
- 26 जनवरी पर गणतंत्र दिवस परेड की शुरूआत 1950 में आजाद भारत का संविधान लागू होने के साथ हुई थी। वर्ष 1950 से 1954 तक गणतंत्र दिवस की परेड राजपथ पर न होकर, चार अलग-अलग जगहों पर हुई थीं। 1950 से 1954 तक गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन क्रमशः इरविन स्टेडियम (नेशनल स्टेडियम), किंग्सवे, लाल किला और रामलीला मैदान में हुआ था।
- 26 जनवरी से पहले फुल ड्रेस रिहर्सल और समारोह के दौरान होने वाली परेड राजपथ से लाल किले तक मार्च करते हुए जाती है। रिहर्सल के दौरान परेड 12 किमी का सफर तय करती हैं, जबकि गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान 9 किमी की दूरी तय करती हैं।
- साल 1953 में पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में लोक नृत्य और आतिशबाजी को शामिल किया गया।
- सर्वश्रेष्ठ परेड की ट्रॉफी देने के लिए पूरे रास्ते में कई जगहों पर जजों को बिठाया जाता है।
- परेड में शामिल सभी झांकियां 5 किमी प्रति घंटा की नीयत रफ्तार से चलती हैं, ताकि उनके बीच उचित दूरी बनी रहे और लोग आसानी से उन्हें देख सकें।
- 21 तोपों की सलामी वास्तव में भारतीय सेना (Indian Army) की 7 तोपों द्वारा दी जाती है, जिन्हें पौन्डर्स कहा जाता है।