क्रिसमस या बड़ा दिन ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व है। यह 25 दिसम्बर को पड़ता है। क्रिसमस से 12 दिन के उत्सव क्रिसमसटाइड की भी शुरुआत होती है। मगर क्या आप जानते हैं कि दुनिया के अलग-अलग देशों में क्रिसमस अलग-अलग ढंग से मनाया जाता है। तो आइए, जानते हैं क्रिसमस मनाने की अजीबोगरीब परंपरा के बारे में...
इंग्लैंड (England) में क्रिसमस के मौके पर काफी अजीब परंपरा निभाई जाती है। यहां शरारती बच्चों को गिफ्ट में मिठाई की जगह स्टॉकिंग्स में कोयले भरकर दिया जाता है।
अर्जेंटीना (Argentina) में भी क्रिसमस के मौके पर अजीबोगरीब परंपरा निभाई जाती है। यहां के लोग शाम को कागज की लालटेन को जलाकर आसमान की तरफ छोड़ देते हैं। कई लोग इसे पैराशूट बैलून भी कहते हैं। लोगों का मानना है कि क्रिसमक के मौके पर ऐसा करने से ईशु उनकी सारी इच्छाओं को पूर्ण करते हैं।
वेनेजुएला (Venezuela) में क्रिसमस मनाने का अंदाजा काफी अलग है। इस खास मौके पर लोग रोलर स्केट्स से चर्च पहुंचते हैं। इतना ही नहीं 24 दिसंबर रात 8 बजे से ही लोग सड़कों पर गाड़ी चलाना बंद कर देते हैं। 25 दिसंबर की रात 12 बचे प्रभु यीशु के जन्म के समय स्केटिंग करते हुए लोग चर्च पहुंचते हैं।
ग्रीस (Greece) के लोग भी काफी अलग तरीके से क्रिसमस को सेलिब्रेट करते हैं। इस दिन यहां के लोग क्रॉस और होली बेसिल को पवित्र पानी से साफ करते हैं। इसके बाद उस पानी को घर के हर कोने में छिड़क देते हैं। लोगों को मानना है कि कालीकंतजरोइ नाम की दुष्ट गोबलिन की जाति, जो अंडरग्राउंड है, वह क्रिसमस यानी 25 दिसंबर से 6 जनवरी तक 12 दिनों के लिए धरती पर आ जाते हैं।
कनाडा (Canada) का क्रिसमस भी काफी फेमस है। दरअसल, कनाडा में ही सैंटा क्लाॅज का घर है। लोग पोस्ट के जरिए सैंटा के घर पर चिट्ठियां भेजते हैं।
ऑस्ट्रिया (Austria) में क्रिसमस सेलिब्रेशन के बारे में जानकार आप हैरान रह जायेंगे। यहां सुनहरे बालों वाले लड़के क्रिसमस ट्री को सजाते हैं। उन्हें क्राइस्ट काइंड कहा जाता है। ऑस्ट्रिया में मान्यता है कि इस तरह के बच्चे नवजात यीशु के प्रतीक हैं। ऑस्ट्रिया के लोग क्रैम्पस नाम के क्रिसमस डेविल पर भी विश्वास करते हैं और मानते हैं कि ये डेविल शरारती बच्चों को मारता है।
स्लोवाकिया (Slovakia) में क्रिसमस मनाने का अलग तरीका है। यहां, डिनर से पहले परिवार का मुखिया ट्रेडिशनल डिश लोकसा को एक चम्मच में लेकर हवा में छत की ओर उछालता है। माना जाता है कि जितनी ज्यादा मात्रा में डिश छत से चिपकती है, उतनी ज्यादा फसल अगले साल अच्छी होती है।
स्वीडन (Sweden) के गावले शहर में लोग प्लास्टिक के स्ट्रॉ का इस्तेमाल कर के विशाल बकरी बनाते हैं। ये बकरी क्रिसमस (Christmas Goat) आने का संकेत होती है। हर साल लोग सैंटा क्लौज बनकर बकरी को जलाने की कोशिश करते हैं। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार 1966 से अबतक सिर्फ 10 बार बकरी सुरक्षित बच पाई है।
चेक गणराज्य (Czech Republic) में क्रिसमस को लेकर अजीब ही मान्यता है। यहां, अविवाहित महिलाएं अपने घर के दरवाजे पर सड़क की ओर पीठ कर के खड़ी होती हैं और उसी तरह अपनी सैंडल घर से बाहर फेंकती हैं। अगर सैंडल घर के दरवाजे की ओर यानी महिला की ओर मुंह कर के गिरती है तो माना जाता है कि उनकी शादी अगले साल होने वाली हैं। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता तो महिला को शादी के लिए इंतजार करना पड़ता है।
नॉर्वे (Norway) में क्रिसमस के दिन माना जाता है कि बुरी आत्माएं धरती पर आती हैं और घरों से झाड़ू चुराकर आसमान में घूमने लगती हैं। इस वजह से नॉर्वे के लोग घरों से झाड़ू समेत साफ-सफाई की अन्य चीजें भी छुपा देते हैं। यही नहीं, पुरुष घर के बाहर हवा में गोलियां चलाते हैं जिससे वो बुरी आत्माओं को निशाना बना सकें।
रूस और यूकरेन (Russia and Ukraine) के कुछ हिस्सों में जुलिअन कैलेंडर का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए रूसी चर्च में ईसा मसीह का जन्म 7 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन जश्न होता है और लोग धूमधाम से क्रिसमस मनाते हैं।
आइसलैंड (Iceland) में 24 दिसंबर की रात लोग एक दूसरे को किताबें भेंट दी जाती है और उस रात को लोग पढ़ते हुए गुजार देते हैं। इस कारण से हॉलीडे सीजन में आइसलैंड में किताबों की सेल काफी बढ़ जाती है।