शायद ही जानते होंगे आप कछुओं से जुड़े ये रोचक तथ्य, कर देंगे आपको हैरान

इस धरती पर कई तरह के जीव-जंतु पाए जाते हैं जिनकी सभी की अपनी विशेषता होती हैं। इन्हीं जंतुओं में से एक हैं कछुआ जिसे अपनी लम्बी जिंदगी के लिए जाना जाता हैं। शास्त्रों में भी बताया गया हैं कि भगवान विष्णु ने 'कच्छप अवतार' (कछुआ के रूप में अवतार) लिया था और भगवान के आशीर्वाद से ही कछुओं की उम्र सबसे अधिक होती हैं। लेकिन इसी के साथ ही कछुओं से जुड़े कुछ हैरान करने वाले तथ्य हैं जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

कछुए कोई हाल-फिलहाल के जीव नहीं हैं बल्कि धरती पर उनका अस्तित्व करोड़ों साल से है। ये सांप, छिपकली और मगरमच्छ से भी पहले से धरती पर रह रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि कुछ साल पहले वैज्ञानिकों को कछुए का एक 12 करोड़ साल पुराना जीवाश्म मिला था।

धरती पर कछुओं की लगभग 350 प्रजातियां हैं, जिनमें से कुछ पानी में रहती हैं तो कुछ जमीन पर। हालांकि आज के समय में कछुओं की कई प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर हैं। शायद ही आपको ये पता होगा कि अंटार्कटिका को छोड़कर कछुए सभी महाद्वीपों पर रहते हैं।

वैसे तो लगभग सभी जीव-जंतुओं के दांत होते ही हैं, लेकिन कछुओं के मुंह में दांत नहीं होते। इसके बदले उनके मुंह में एक तीखी प्लेट की तरह हड्डी का पट्ट होता है, जो खाना चबाने में उनकी सहायता करता है।

अगर आपने कछुए और खरगोश की कहानी सुनी होगी तो आपको पता ही होगा कि ये बहुत धीमी गति से चलते हैं। आमतौर पर कछुए 270 मीटर प्रति घंटे (6।4 किलोमीटर प्रति दिन) की रफ्तार से चलते हैं। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के मुताबिक, अब तक किसी कछुए की अधिकतम रफ्तार एक किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई है।

कछुओं का कवच इतना मजबूत होता है कि वो बंदूक की गोली तक का भी सामना कर सकता है। माना जाता है कि इनके कवच को तोड़ने के लिए उनके वजन से 200 गुना ज्यादा वजन की जरूरत पड़ेगी। हालांकि बाज पक्षियों को इसे तोड़ने की तरकीब पता है। वो कछुए को अपने पंजों में दबा कर काफी ऊंचे उड़ जाते हैं और फिर उसे वहां पत्थरों या पहाड़ियों पर गिरा देते हैं, जिससे कवच टूट जाता है।