ऐसी जगह जहां मरने पर दुखी होने की जगह जश्न मनाते है लोग

जिंदगी और मौत ऊपर वाले के हाथ में होती है। हम तो बस ऊपर वाले के हाथ की कठपुतली हैं। हम बस इतना ही कर सकते है कि किसी की मौत पर उसके परिवार वालों के दुःख में शामिल हो सकते हैं। लेकिन क्या आपने कभी किसी की मौत पर ख़ुशी मनाई हैं। नहीं मनाई है तो सोचियेगा भी मत ऐसा करने की समाज में बदनामी होगी और कहीं पिटाईभी फ़ो सकती हैं। आप सोच रहे होंगे कि यह बात आई कहा से कि किसी की मौत पर कोई खुश कैसे हो सकता हैं। तो हम आज आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी जगह के बारे में जहाँ किसी की मौत होने पर खुशियाँ मनाई जाती हैं। अब ऐसा क्यों आइये जानते हैं।

इंडोनेशिया में एक ऐसा समुदाय है जहां के लोग अपनों की मौत पर खुशियां मनाते हैं। ये समुदाय है टोराजा। इस समुदाय के लोग अपनों से इस हद तक प्यार करते हैं कि उनकी मौत के बाद भी उन्हें खुद से अलग नहीं कर पाते। इस समुदाय के लोग मरे हुए इंसान के साथ जिंदा व्यक्ति की तरह ही व्यवहार करते हैं।

यहां किसी के मरने पर मातम नहीं बल्कि जश्न मनाया जाता है। क्योंकि हर तीन साल बाद यहां मुर्दे घर लौटकर आते हैं। इस समुदाय के लोग मरे हुए इंसान के साथ जिंदा व्यक्ति की तरह ही व्यवहार करते हैं। उसे जिंदा इंसान मानकर खाना भी खिलाते हैं, सजाते संवारते हैं और उसके साथ फोटो भी लेते है।

इंडोनेशिया के साउथ सुलावेसी क्षेत्र के तोरजा गांव की प्रथा काफी विचित्र है। यहां एक मान्यता है कि इंसान कभी मरता नहीं है। इसीलिए ये लोग मरने पर गम के बजाए उत्सव मनाते हैं। तोरजा गांव के लोग किसी केमिकल के जरिए इन लाशों को सुरक्षित रखते हैं। भले ही आपको ये परंपरा डरावनी लगे लेकिन अब ये परंपरा टोराजा समुदाय के लोगों की जिंदगी का हिस्सा है। जिसे वो लोग बड़ा प्यार से निभाते चले आ रहे हैं।