यह तो सभी को पता हैं कि अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराया था जिसमें लाखों लोगों की मौत हुई थी। लेकिन क्या आप जानते है कि एक ऐसी भी घटना हुई थी जिसमें अमेरिका अपने ही परमाणु बम से तबाह होने वाला था। जी हां, यह खौफनाक घटना 59 साल पहले साल 1961 की है। अमेरिका में उस वक्त की सबसे बड़ी तबाही आ सकती थी, जब चार मेगाटन का एक परमाणु बम फटने से बस एक बटन दूर था। साल 2013 में सार्वजनिक हुए अमेरिका के कुछ गुप्त दस्तावेजों से यह बात सामने आई थी।
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गुप्त दस्तावेजों के मुताबिक, 23-24 जनवरी, 1961 को अमेरिका का एक बी-52 विमान उत्तरी कैरोलिना के ऊपर से गुजर रहा था, लेकिन अचानक विमान में कुछ खराबी आ गई और वो अनियंत्रित होने लगा, जिसके बाद विमान में रखे दो मार्क 39 परमाणु बम नीचे जमीन पर गिर गए और उनमें से एक में डिटोनेशन प्रक्रिया शुरू हो गई, यानी बम के फटने की प्रक्रिया शुरू हो गई। हालांकि यह परमाणु बम फट नहीं पाया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक कम-वोल्टेज के स्विच के नाकाम हो जाने की वजह से यह खौफनाक दुर्घटना टल गई थी। बाद में अमेरिकी वायु सेना के जवानों ने उस बम को जमीन के अंदर बने एक गहरे गड्ढे से निकाला था।
कहा जाता है कि यह परमाणु बम हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए बमों से 260 गुना ज्यादा शक्तिशाली था। अमेरिकी सरकार ने इस घटना के बारे में पहले भी स्वीकार किया था, लेकिन कभी भी यह सार्वजनिक रूप से उजागर नहीं किया गया था कि अमेरिका परमाणु बम विस्फोट के कितने करीब था। कहा यह भी जाता है कि विमान से परमाणु बम गिराने के चक्कर में दो क्रू-मेंबर्स की मौत हो गई थी और विमान भी हादसे का शिकार हो गया था।