अगर किसी माता-पिता के सामने उनके बच्चे की मौत हो जाती हैं तो यह उनके लिए सबसे बड़ा सदमा होता हैं और पेरेंट्स की चाहत होती हैं कि ओने बच्चे से मिला जाए। लेकिन इस दुनिया से जाने वाले कभी लौट कर नहीं आया करते हैं। लेकिन अब विज्ञानं के चमत्कार से ऐसा कर पाना संभव हैं कि मरे हुए लोगों से मिला जा सकें। ऐसा ही कुछ देखने को मिला दक्षिण कोरिया में जहां एक मां विज्ञान के 'चमत्कार' से अपनी मरी हुई बेटी से फिर से मिल सकी, जिसकी मौत एक बीमारी की वजह से चार साल पहले यानी साल 2016 में ही हो गई थी।
दरअसल, यहां एक टीवी शो हुआ था, जिसका नाम था 'मीटिंग यू'। इस शो में ही वैज्ञानिक तरीके से एक मां को उसकी मरी हुई बेटी से मिलवाया गया। इस दौरान मां ने अपनी मृत बेटी को छुआ, उससे बातें की और ढेर सारा प्यार किया। इतना ही नहीं, मृत बेटी ने अपनी मां से ये वादा भी किया कि वो फिर अपनी मां से मिलने आएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मां का नाम जांग जी-सुंग और उसकी मृत बेटी का नाम नेइयॉन है। दरअसल, दोनों की मुलाकात वर्चुअल रियलिटी के जरिए हुई। वर्चुअल रियलिटी एक कृत्रिम वातावरण या दृश्य है जिसे कंप्यूटर के हार्डवेयर उपकरणों और सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से बनाया जाता है। इस कृत्रिम वातावरण या दृश्य को इस तरह से प्रस्तुत किया जाता है कि लगता है कि वो सबकुछ सच ही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वर्चुअल रियलिटी के जरिए जांग जी-सुंग की बेटी नेइयॉन का शरीर फिर से बनाया गया और उसे इस तरह बनाया गया कि वह हूबहू वैसी ही लगे, जैसी वो असल में थी। इसके बाद उसकी आवाज डाली गई और टीवी शो 'मीटिंग यू' में उसकी बात उसकी मां से करवाई गई। इस दौरान जैसे ही जांग ने अपनी बेटी को देखा, वो बेतहाशा रोने लगी और उसे प्यार करने लगी। यह नजारा देखकर दर्शक दीर्घा में बैठे नेइयॉन के पिता और उसके भाई-बहन भी रोने लगे।
हालांकि अब यह मुद्दा पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है कि क्या ऐसा करना सही है। यानी किसी मरे हुए व्यक्ति को उसके परिजनों से मिलवाना सही है, क्योंकि इससे परिजनों की मानसिक स्थिति के भी बिगड़ जाने का खतरा है। यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स के प्रोफेसर ब्ले व्हिटबी का कहना है कि हमें नहीं पता कि एक मां के अपनी मरी हुई बेटी से मिलने से उसपर क्या मनोवैज्ञानिक असर पड़ेगा। वो इससे खुश हो सकती है या वो अपनी मृत बेटी को और भी ज्यादा याद करने लगेगी?