हर देश अपने लोगों के स्वास्थ्य देखरेख के लिए कई कड़े कदम उठाता हैं और हर संभव प्रयास करने की कोशिश करता हैं। इस कड़ी में अब स्कॉटलैंड द्वारा नई पहल की शुरुआत की गई है जिसके अनुसार अब महिलाओं के लिए सैनिटरी प्रोडक्ट्स मुफ्त किए जाने का निर्णय लिया जा रहा हैं। इसके चलते 200 करोड़ से ऊपर खर्चा आना हैं। इस निर्णय के साथ ही ऐसा करने वाला स्कॉटलैंड दुनिया का पहला देश बन गया। जी हाँ, बताया जा रहा है कि इस क़ानून के पारित होने के बाद, कम्युनिटी सेंटर्स, यूथ क्लब्स और दवाई की दुकानों में Tampons, Sanitary Pads मुफ़्त मिलेंगे।
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वहीं सरकार ने अनुमान लगाया है कि इसमें सालाना 31.2 Million $ (2,23,47,78,000 रुपये) का ख़र्च आयेगा। Period Products (Free Provision) Scotland Bill को पक्ष में 112 वोट मिले, विपक्ष में 0 और 1 ने मतदान नहीं किया और इसी के सात बिल ने पहला स्टेज पास कर लिया। वहीं अब ये बिल दूसरे स्टेज में जायेगा जिसमें स्कॉटिश संसद के सदस्य इसमें संशोधन का प्रस्ताव रखते हैं और बिल पर बहस के दौरान, बिल की प्रस्तावक, मोनिका लेनन ने कहा, 'स्कॉटलैंड में पीरियड्स के नॉर्मलाइज़ेशन में मील का पत्थर साबित होगा और देश के लोगों को तक ये संदेश पहुंचायेगा कि संसद में बैठे लोग जेंडर इक्वालिटी को लेकर सीरियस हैं।' वहीं इस बहस के दौरान ही सांसद एलिसन जॉनस्टॉन ने बेहद अहम सवाल उठाया, 'ऐसा क्यों है कि 2020 में टॉयलेट पेपर एक ज़रूरत है लेकिन पीरियड्स प्रोडक्ट्स नॉर्मल भी नहीं हैं।
प्राकृतिक शारीरिक कार्य के लिए आर्थिक चोट पहुंचाना जायज़ नहीं।' केवल स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में मुफ़्त में पीरियड प्रोडक्ट्स देने वाला भी पहला देश स्कॉटलैंड ही है और साल 2018 में स्कॉटलैंड ने ये क़ानून लाया था जो बहुत मशहूर हुआ था। आप जानते ही होंगे दुनिया के कई देशों में सैनिटरी प्रोडक्ट्स पर टैक्स लगाया जाता है। वहीं भारत में भी फ़्री पीरियड को लेकर कई अभियान चलाये गये हैं लेकिन ऐसा कुछ हो नहीं पाया।