राजस्थान में कोरोना वायरस का खतरा भले ही चिंता का विषय नहीं बना हुआ है लेकिन इसके बावजूद सावधानी रखना बेहद जरुरी है। बता दे, कूरोना वायरस के राजस्थान में 4 मामले सामने आए थे जिनमें से तीन लोग ठीक हो गए है। वहीं, चूरू जिले में इसका संक्रमण न हो इसके लिए तरह-तरह के जतन किए जा रहे हैं। एक तरफ जहां सरकार लोगों को कोरोना से बचाव के लिए जागरूक करने के काम में जुटी है वहीं कुछ लोग वैदिक संस्कृति का हवाला देते हुए वातावरण शुद्ध करने के लिए घरों में यज्ञ-हवन करने से भी नहीं चूक रहे हैं। कोरोना से मुक्ति के लिए न केवल प्रार्थनाएं की जा रही हैं बल्कि वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ-हवन में आहुतियां भी दी जा रही हैं। ऐसा ही नजारा मंगलवार को शहर के वार्ड नंबर 34 में हुआ। यहां कालमेघ, कपूर, गाय का देशी घी आदि से हवन सामग्री तैयार कर वातावरण शुद्धि के लिए हवन करवाया गया।
क्या हवन से हो सकता हैं कोरोना वायरस का अंत, वैज्ञानिक भी मानते हैं इसके चमत्कारी फायदे
गायत्री शक्तिपीठ के पंण्डित रामलाल के सानिध्य में मोहल्ले की महिलाओं और पुरूषों ने यज्ञ में आहुतियां दीं। लोगों की मान्यता है कि इस विशेष औषधियुक्त हवन सामग्री से यज्ञ करने से कोरोना, स्वाइन फ्लू सहित सांस से संबंधित जो बीमारियां फैलती हैं उसकी रोकथाम होती है।
वैदिक यज्ञ के माध्यम से गायत्री मंत्र और क्ली बीज मंत्र से गाय के दूध के घी, खेजड़ी और पीपल की लकड़ी और उपले के साथ यज्ञ किया जाए तो वायुमंडल से फैलने वाली बीमारियों को रोका जा सकता हैं। इतना ही नहीं वार्ड 34 के सांवरमल पाण्डे, महेश मिश्रा आदि कोरोना रोकथाम के लिए कॉलोनियों में जनजागरण भी कर रहे हैं।
बता दें कि चीन के वुहान शहर से शुरू होने वाला कोरोना वायरस अब तक 125 देशों में फैल चुका है। इस वायरस से तकरीबन 7000 लोग अपनी जान गवां चुके है। वहीं पूरी दुनिया में 1.80 लाख लोग इस वायरस से संक्रमित है। हालाकि, इनमे से तकरीबन 75 हजार लोग इस वायरस से निजात पा चुके है और अस्पताल से अपने घर पहुंच चुके है।