पिछले साल 21 मई को पुणे के एक चाइल्ड केयर अस्पताल में 24 सप्ताह यानी 6 महीने में ही एक बच्ची ने जन्म ले लिया था। जन्म के समय बच्ची का वजन 400 ग्राम था। बच्ची ने जन्म के बाद सरवाइव कर लिया है अब बच्चा पूरी तरह से हेल्दी है। डॉक्टरों ने उसे अस्पताल में मां के गर्भ जैसे वातावरण में रखा था। टीम ने इस नन्ही सी जान के विकास के लिए पूरी देखभाल की, अब जाकर बच्ची का वजन साढ़े 4 किलो हुआ।
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, इस बच्ची का नाम शिवन्या है।डॉक्टरों नेशिवन्या को सबसे हल्की और छोटी बच्ची के रूप में वर्णित किया है। शिवन्या को 94 दिनों की गहन देखभाल के बाद 23 अगस्त को छुट्टी दे दी गई।जब उसे घर भेजा गया तो उसका वजन 2,130 ग्राम था। डॉक्टरों के अनुसार, ऐसे बच्चे जल्द सरवाइव नहीं कर पाते हैं। इनके जीवित रहने का चांस0.5% होता है।गर्भावस्था के सामान्य 37-40 सप्ताह के बाद पैदा होने वाले शिशुओं का वजन न्यूनतम 2,500 ग्राम होता है।
शिवन्या का वजन अब 4.5 किलोग्रामशिवन्या के पिता ने बताया कि वह अब भोजन का सेवन करती है। वहअब किसी भी अन्य स्वस्थ नवजात शिशु की तरह ही है।विशेषज्ञों ने कहा, शिवन्या का अच्छा स्वास्थ्य उसके डॉक्टरों के प्रयासों और भारत में विकसित नवजात देखभाल के कारण हुआ है।
मदर एंड चाइल्ड केयर अस्पताल के प्रमुख नियोनेटोलॉजिस्ट डॉ सचिन शाह ने बताया कि भारत में इससे पहले इस तरह के अत्यंत अपरिपक्व के जीवित रहने का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। जो बच्चे समय से पहले पैदा होते हैं, उन्हें गर्भ जैसे वातावरण में रखा जाता है ताकि उनका विकास अच्छी तरह से हो सके।