कामकाजी लोगों को सप्ताह में संडे के दिन का इंतजार रहता है क्योंकि संडे का दिन होता है छुट्टी और आराम का दिन। हांलाकि कई लोग संडे को एक्स्ट्रा इनकम के लिए भी काम करते हैं लेकिन जरा सोचिये कि कोई संडे के दिन बिना पैसे के काम करें तो। सुनने में थोडा अटपटा लगता है लेकिन ऐसा होता हैं। क्योंकि इस देश का मानना है कि अर्थवयस्था के लिए मूल जरुरतों मे धन के अलावा ह्यूमन रिसोर्सेस भी अहम होता है। तो चलिए जानते है इसके बारे में।
सभी देश अपने मानव पूंजी का पूरा ध्यान रखती है ताकि देश तरक्की कर सके। वहीं एक देश ऐसा भी है जहां हर व्यक्ति सप्ताह में हर संडे फ्री में काम इसलिए करता है देश की प्रगति के लिए । इस देश मे काम करने वाले प्रत्येक नागरिक को सातो दिन काम करना पड़ता हैं। यहां कोई छुट्टी नहीं होता क्योंकि यहां के राजा का मानना है कि छुट्टियां देशहित में नहीं है। यहां बहुत जरुरत होने पर ही छुट्टियां दी जाती है।
सात दिन काम करने वाले कर्मचारियों को सिर्फ 6 दिन के काम के ही पैसे दिये जाते है। एक दिन का पैसा इसलिए नहीं दिया जाता क्योंकि वो एक दिन देश की प्रगति के लिए मान लिया जाता है। चाहे कोई प्राइवेट नौकरी हो या सरकारी। यह नियम सभी में लागू होता है।
उत्तर कोरिया हमेशा ही अपने कठोर नियमों के कारण सुर्खियों में रहता है। वहां की जनता अपने सनकी तानाशाह के खिलाफ कोई कदम भी तो नहीं उठा सकती क्योंकि वो बहुत क्रूर है। इसलिए मजबूर होकर उन्हें छुट्टियों के दिन भी काम करना पड़ता है।