पेरेंट्स ने बच्चों के साथ की ऐसी घिनौनी हरकत, सोचकर ही रूंह कांप उठेगी

किसी भी बच्चे के लिए उसके पेरेंट्स ही उसके रक्षक होते हैं। लेकिन जब यह रक्षक ही उनके भक्षक बन जाए तो। जी हां, ऐसा ही एक मामला देखने को मिला अमेरिका के कैलिफोर्निया में जहां एक दंपत्ति ने अपने ही बच्चों के साथ घिनौना और खौफनाक काम किया हैं जिसकी सच्चाई रूह कंपा देने वाली हैं। ये घटना उस समय सामने आई जब इनकी एक बेटी इनकी कैद से भागने में सफल रही और उसने पुलिस को सारी सच्चाई बताई।

दरअसल, कैलिफोर्निया में डेविड और लुईस टर्पिन नाम के दंपति ने अपने 13 बच्चों में से अधिकांश को इतनी खतरनाक यातनाएं दी हैं कि उनके खुद के बच्चे उन्हें देखकर कांप जाते हैं। हालांकि, अब दोनों पुलिस की गिरफ्त में हैं और इन्होंने अपना जुर्म भी मान लिया है। डेविड और लुईस टर्पिन ने अपने ही बच्चों का उत्पीड़न करने और उनके साथ अन्य तरह का निर्दयता का व्यवहार करने के आरोप को कोर्ट में स्वीकार कर लिया है। इन दोनों ने अपने 13 बच्चों में से कई को न केवल बिस्तर पर जंजीरों से जकड़ कर रखा बल्कि उन्हें कई दिनों तक न ही कुछ खाने को दिया न ही नहाने देते थे और बहुत ही भयानक यातनाएं देते थे।

अमेरिका में इस मामले को हाउस ऑफ हारर्स यानी 'भयावहता का घर' का नाम दिया जा रहा है। डेविड और लुईसे टर्पिन ने रिवरसाइड काउंटी सुप्रीम कोर्ट में अपनी गलती मान ली है और उनके खिलाफ 14 संगीन मामले दर्ज किए गए हैं। दक्षिण कैलिफोर्निया के जिला अटार्नी इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं। डेविड और लुईस टर्पिन को जनवरी 2018 में उस समय गिरफ्तार किया गया जब दक्षिणी लॉस ऐंजिल्स के पेर्रिस इलाके में बने घर से उनकी 17 साल की बेटी किसी तरह भागने में सफल रही और उसने पुलिस को फोन करके अपने माता-पिता की सारी बात बताई।

गिरफ्तारी के समय दंपति के बच्चों की उम्र दो साल से 29 साल के बीच थी। ये बच्चे बहुत कम वजनी और महीनों से नहाये तक नहीं थे। इतना ही नहीं उनका घर मानव मल से भरा हुआ था। जांचकर्ताओं ने बताया कि इन बच्चों को पीटा जाता था और पिंजरों में बंद करके रखा जाता था। डेविड और लुईस टर्पिन को अत्याचार, आश्रित दुर्व्यवहार के साथ-साथ झूठे कारावास, बाल संकट और वयस्क शोषण के कई मामलों में दोषी ठहराया गया है।