चीन के पांडा माने जाते हैं शांति का प्रतीक, जानें इनसे जुड़ी रोचक बातें

इस प्रकृति में कई तरह के जानवर हैं जिनमे से कुछ अपनी संरचना तो कुछ अपने स्वभाव के चलते जाने जाते हैं। आज हम भी एक ऐसे ही अनोखे जानवर की बात करने जा रहे हैं जिसे अपने स्वभाव के चलते शांति का प्रतीक माना जाता हैं और यह चीन में बहुत पाए जाते हैं। हम बात कर रहे हैं पांडा की जो दिखने में तो भालू जैसे ही होते हैं लेकिन स्वभाव में बिल्कुल उलट होते हैं। इसके अलावा इनके शरीर पर मौजूद काले धब्बे, आंखें और कान इन्हें भालू से बिल्कुल अलग बना देती हैं। तो आइये जानते हैं पांडा के बारे में अनोखी बातें।

पांडा चीन के मूल निवासी हैं। वैसे तो ये अब दुनिया के कई देशों में दिख जाते हैं, लेकिन इनका जन्मस्थान चीन ही है। इन्हें इस देश में शांति का प्रतीक माना जाता है। आज दुनियाभर में 2250 के करीब ही पांडा बचे हैं, जिनमें से तकरीबन 1850 पांडा जंगलों में रहते हैं जबकि 400 के करीब पांडा अलग-अलग जगहों पर कैद हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि जन्म के समय एक पांडा के बच्चे का वजन महज 150 ग्राम ही होता है, लेकिन व्यस्क होने पर इनका वजन 150-200 किलो तक हो जाता है। इनकी लंबाई छह फीट के आसपास होती है जबकि इनका जीवन काल मात्र 20-30 साल का ही होता है। हालांकि कोई-कोई पांडा इससे ज्यादा भी जीते हैं।

पांडा बहुत आलसी होते हैं। इनका अधिकतर समय खाने और सोने में ही निकल जाता है। हालांकि ये तैरने और पेड़ पर चढ़ने मे माहिर होते हैं। ये पेड़ पर ही रहना भी पसंद करते हैं और कई बार तो पेड़ों पर ही अपना घर भी बना लेते हैं।

पांडा के बांस खाने वाला जीव भी कहते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि एक पांडा एक दिन मे 10 से 38 किलो तक बांस खा सकता है। माना जाता है कि ये अपने जीवन काल का आधा हिस्सा तो खाने में ही निकाल देते हैं। अब जाहिर है जब ये ज्यादा खाएंगे तो उसी हिसाब से मल भी करेंगे। बताया जाता है कि एक पांडा एक दिन में 20-25 किलो तक मल कर सकता है।