स्पर्म को तस्करी के जरिए मंगाकर मां बन रही महिलाएं...

पिछले 50 सालों से चली आ रही फिलीस्तीन और इजरायल की दुश्मनी का खामियाजा इजरायल में रह रही फिलीस्तीनी विवाहित महिलाओं को भी झेलना पड़ रहा है। दुश्मनी की वजह से उनके पतियों का इजरायल की जेल में कैद होना है। लेकिन पत्नियों ने हार नहीं मानी। मां बनने के लिए वे अपने पति के स्पर्म का इस्तेमाल कर रही है। जेल से पति के स्पर्म को तस्करी के जरिए मंगाया जाता है।

पति 16 साल से जेल में बंद, तीनों बच्चों का जन्म तस्करी से लाए गए स्पर्म से हुआ

येरुशलम के जबाल-अल मुकाबर इलाके में रहने वाली सामिया मशाहरा के पति फाहमी 16 साल से जेल में बंद हैं। सामिया के तीन बच्चे हैं जिनमें दो बेटी और एक बेटा है। तीनों बच्चों का जन्म तस्करी से लाए गए स्पर्म से ही हुआ। जेल से स्पर्म की यह तस्करी फाहमी की मां ने की। परिवार हाल ही में हुए बेटे को आजादी की उम्मीद की तरह देख रहा है।

कैदियों के लिए काम करने वाली येरुशलम सिविल कमेटी के अमजद अबु असाब का कहना है कि जेल से स्पर्म को बिजली के करंट या रिहा हुए कैदी के मार्फत बाहर भिजवाया जाता है। इसके बाद महिला आईवीएफ (टेस्ट ट्यूब बेबी) लैब जाकर उससे गर्भधारण करती है। एक अन्य महिला सौद ने भी जेल से लाए पति के स्पर्म से बेटी हुर्रिया (अरबी में मतलब आजादी) को जन्म दिया। सौद का पति समीर अबु फैयाद 18 साल से जेल में बंद है। उस पर आतंकी गतिविधि में शामिल होने का आरोप है।

सौद कहती हैं, "मैं जानती हूं कि पति के जेल में रहने के दौरान बच्चे को जन्म देना कितना कठिन है। लेकिन हम इजरायल के हर प्रतिबंध का सामना करना चाहते हैं। हम इजरायल के वेस्ट बैंक पर आधिपत्य को चुनौती देते हैं और बदले में उससे कुछ खूबसूरत हासिल करना चाहते हैं।''

इजरायल का इनकार

हालांकि, इजरायल के अफसरों का इस तरह के दावों से इनकार किया है। अफसरों का कहना है कि कैदियों और उनके परिजन की मुलाकात सख्त सुरक्षा में कराई जाती है। किसी भी चीज के जेल से बाहर जाने का सवाल ही नहीं उठता। उधर, इजरायली जेल अथॉरिटी की प्रवक्ता सिवान वीट्समैन का कहना है कि हमने स्पर्म की तस्करी करते हुए कुछ कैदियों को गिरफ्तार किया है। जेल में मिलने वालों पर सख्त नजर रखी जा रही है।

इजरायल की जेल में 5 हजार से ज्यादा फिलीस्तीनी

संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, इजरायल की जेलों में 5500 फिलीस्तीनी हैं। इजरायल द्वारा फिलीस्तीनियों को बिना किसी केस या सुनवाई के सीधे जेल में डालने की काफी आलोचना भी होती है।