महाराष्ट्र (Maharashtra) मंत्रिमंडल का विस्तार सोमवार को हो गया है। मुंबई स्थित महाराष्ट्र सरकार के मंत्रालय में सभी मंत्रियों को दफ्तर देने का काम भी शुरू हो चुका है। लेकिन मंत्रालय की छठीं मंजिल पर स्थित एक कमरे को कोई मंत्री नहीं लेना चाहता। मुख्यमंत्री के ऑफिस के ठीक सामने छठी मंजिल पर केबिन नंबर 602 है। लेकिन, तीन हज़ार स्क्वायर फीट में फैले इस केबिन में कोई भी मंत्री बैठना नहीं चाहता क्योंकि यह अंधविश्वास है कि यहां जो बैठता है वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता। 2014 में भाजपा के नेता एकनाथ खडसे को यह कमरा दिया गया। दो साल बाद ही वे एक घोटाले में फंसे और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
खडसे के बाद इस कमरे में नए मंत्री पांडुरंग फुंडकर आए। लेकिन दो साल काम करने के बाद ही उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई। जून 2019 के बाद से इस कमरे को किसी अलॉट नहीं किया गया। 2019 में जब कृषि विभाग का प्रभार बीजेपी नेता अनिल बोंडे को दिया गया तो वह इस ऑफिस में आए। लेकिन बोंडे इस साल विधानसभा चुनाव में हार गए। बस फिर क्या था इसके बाद यह अफवाह फैल गई कि यह कमरा ठीक नहीं है।
नई सरकार में मंत्री बने अजित पवार ने भी इस कमरे में ऑफिस बनाने से मना कर दिया। जबकि, वे खुद इस कमरे में पहले भी काम कर चुके हैं।