होली को रंगों का त्योहार कहा जाता है। इस रंग के शुमार से बच्चे क्या बूढे भी नहीं बच पाते है। हर राज्य और हर शहर में रंगों के इस त्यौहार को बड़ा ही महत्व दिया है। लेकिन आज हम आपको ऐसा कुछ बताने जा रहे हैं जिस पर आपको भी यकीन नहीं होगा। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर के गाँव कुन्डरा में कई सालो से अनोखी परंपरा चली आ रही है, जिसके अंतर्गत इस गाँव के किसी भी मर्द को यहाँ तक की बच्चो को भी होली खेलने की इज़ाज़त नहीं है।
गाँव वालो के अनुसार कई साल पहले होली के दिन गाँव के राम-जानकी मंदिर में फाग उत्सव के दौरान इनामी डकैत मेम्बर सिंह ने राजपाल नामक एक युवक की गोली मार कर हत्या कर दी थी। जिसके बाद गाँव में कई सालो तक होली का त्यौहार नहीं मनाया गया। लेकिन एक बैठक के बाद यह फैसला किया गया की गाँव की सभी महिलाये गाँव के सभी पुरुषो की गेरमोजुदगी में पूरी रस्मो-रीवाज के साथ होली के इस उत्सव को मनाएंगी।
उस दिन से केवल महिलाये ही गाँव में होली का त्यौहार मनाती है सभी पुरुष इस दिन गाँव से बाहर चले जाते है। इसी के साथ सभी महिलाएं इस त्यौहार को जमकर मनाती हैं और मंदिरों में जा कर दर्शन भी करती हैं।