भगवान के दर्शन करना शुभ रहता हैं और इसके लिए सभी भक्तगण मंदिरों में दर्शन करने पहुंचते हैं। भारत में तो अनेकों मंदिर हैं। लेकिन भारत के बाहर भी कई मंदिर हैं। आज इस कड़ी में हम बात करने जा रहे हैं हमारे पडोसी देश नेपाल के एक मंदिर की जिसके दर्शन करने कई भारतीय हर साल जाते हैं। हम बात कर रहे हैं बुदानिकंथा मंदिर की जो कि भगवान विष्णु को समर्पित हैं और नेपाल की राजधानी काठमांडू से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शिवपुरी पहाड़ी के बीच स्थित हैं। यहां सभी आस्था के साथ पूजा कर सकते हैं सिवाय नेपाल राजपरिवार के लोगों के क्योंकि दर्शन मात्र से उनकी मौत हो जाती हैं। बताया जाता है कि यह मंदिर राज परिवार के लिए शापित है। बुदानिकंथा मंदिर में राजपरिवार के लोग श्राप के डर की वजह से दर्शन के लिए नहीं जाते हैं। यह प्राचीन मंदिर अपनी सुंदरता और चमत्कार के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।
कहा जाता है कि राज परिवार का कोई भी सदस्य इस मंदिर में भगवान विष्णु की स्थापित मूर्ति के दर्शन करता है, तो उसकी मौत हो जाएगी, क्योंकि राजपरिवार को ऐसा श्राप मिला हुआ है। इसकी वजह से राज परिवार के लोग इस मंदिर में पूजा-पाठ नहीं करने जाते हैं। राजपरिवार के लिए मंदिर में भगवान विष्णु की एक वैसी ही दूसरी मूर्ति स्थापित की गई है जिसकी वे पूजा कर सकें।बुदानिकंथा मंदिर में भगवान विष्णु एक पानी के कुंड में 11 सापों के ऊपर सोती हुई मुद्रा में विराजमान हैं। भगवान विष्णु की काले रंग की यह मूर्ति नांगों की सर्पिलाकार कुंडली पर स्थित है। एक प्रचलित कथा के मुताबिक, एक बार एक किसान इस स्थान पर काम कर रहा था। इस दौरान किसान को यह मूर्ति मिली। 13 मीटर लंबे तालाब में स्थित भगवान विष्णु की मूर्ति पांच मीटर की है। नागों का सिर भगवान विष्णु के छत्र के रूप में स्थित है। इस मंदिर में हर साल अगस्त में शिव महोत्सव का आयोजन होता है। कहा जाता है कि इस दौरान इस झील के नीचे भगवान शिव की छवि दिखाई देती है।