आपने अक्सर देखा होगा कि जानवर की मौत के बाद उसका शरीर यूं ही पड़ा रहता है जिसे जंगल में फेंक दिया जाता हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के राजगढ़ से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया हैं जहां एक बंदर की मौत चर्चा का विषय बन गई। यहां इंसानियत और मानवता की अनूठी मिशाल देखने को मिली जिसमें एक बंदर की मौत होने पर पूरे गांव में मातम पसर गया और उसका पूरे हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया। मामला राजगढ़ के डालूपुरा गांव का हैं।
सरपंच अर्जुन सिंह ने बताया कि उनके गांव में करीब दो सप्ताह पहले एक बंदर आया था, वह काफी बीमार था। उसे बीमर देखकर गांव वाले उसे इलाज के लिए राजगढ़ भी ले गए, लेकिन वह बच नहीं सका। ऐसे में उस बंदर की मौत से पूरा गांव दुखी हो गया। आप सभी को पता ही होगा हिंदू धर्म में बंदर को हनुमान जी का रूप माना जाता है। इस वजह से उसकी मौत के बाद इंसानों की तरह सभी कार्यक्रम किए गए। बताया जा रहा है गांव वालों ने बंदर की मौत के बाद इंसानों की तरह उसका हर एक कार्यक्रम किया। इस दौरान बंदर की शव यात्रा निकाली गई। वहीं उज्जैन ले जाकर हिंदू रीति रिवाज से उसका अंतिम संस्कार हुआ।उसके बाद उसका तीसरा का कार्यक्रम भी हुआ, जिसमें गांव वालों ने मुंडन करवाया और उसकी अस्थियों को ले जाकर शिप्रा नदी में विसर्जित किया। वहीं इसके बाद 11वां व तेहरवीं का कार्यक्रम भी किया गया। इसके अलावा बंदर की मौत के बाद गांव वालों ने मिलकर शांति भोज का भी आयोजन किया। अब यह दावा किया जा रहा है कि इसमें हजारों लोग शामिल हुए और इस कार्यक्रम में कढ़ी, सेव पूरी, छाछ का प्रसाद गांव वालों को बांटा गया।