आखिर क्यों इस गांव में नहीं बेचा जाता हैं दूध, फ्री में देना मंजूर, कारण कर देगा हैरान

दूध व्यक्ति के आहार की सामान्य चीज हैं और इससे बने उत्पाद लगभग हर इंसान काम में लेता हैं। हर गांव या शहर में पशुपालन किया जाता हैं और दूध निकाला जाता हैं। दूध का व्यापार एक आम बात हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां दूध होने के बाद भी नहीं बेचा जाता हैं। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र के हिंगोली ज़िले की। जहाँ के एक गाँव में यह सब होता है। जी दरअसल यहाँ के एक गाँव में रहने वाले लोग दूध धारी पशु तो पालते हैं पर दूध नहीं बेचते।

जी दरअसल यह गांववाले ज़रूरतमंदों को बिना किसी मूल्य के दूध और दूध से बनने वाले अन्य पदार्थ दे देते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस समय महाराष्ट्र के कई किसान दूध की क़ीमत बढ़ाने की मांग पर अड़े हुए हैं और येलागांव ग्वाली के हर घर में दूध देने वाले पशु हैं पर कोई भी दूध नहीं बेचता। हाल ही में एक वेबसाइट से बातचीत में गाँव के एक युवक ने बताया 'येलागांव ग्वाली का मतलब ही है ग्वालों का गांव। हम मानते हैं कि हम श्री कृष्ण के वंशज हैं और इसलिए हम दूध नहीं बेचते।'

यहाँ पर दूध न बेचने की ये प्रथा अभी से नहीं बलि कई पीढ़ियों से चली आ रही है। जी दरअसल यहाँ पर अलग-अलग धर्म के लोग भी ऐसे ही हैं वह भी दूध नहीं बेचते हैं। यहाँ का कोई भी गांववाला दूध नहीं बेचता और आपको हम यह भी बता दें कि इस गांव में कृष्ण जन्माष्टमी भी बड़े धूम-धाम से मनाई जाती है। इस साल भी यहाँ पर जन्माष्टमी का पर्व धूम-धाम से मनाया गया था।