मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले का केला देश-विदेश में पहचान बना रहा है। इसकी लंबाई 14 इंच तक है। तलून कृषि विज्ञान केंद्र के उद्यानिकी वैज्ञानिक डीके जैन ने बताया कि उन्होंने कई किसानों के यहां निरीक्षण किया। आमतौर पर 8 से 9 इंच तक का केला मिला है। 14 इंच का केला होना, अपने आप में हैरान करने वाला है।
बगूद के किसान अरविंद जाट ने सवा 6 एकड़ में केले की G-9 प्रजाति की फसल लगाई है। वह इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए दावा करेंगे। रिलायंस कंपनी के कर्मचारी भी 10 टन केले को दिल्ली ले गए हैं। गुरुवार को 12 टन केला ईरान, इराक भेजा गया है। किसान ने बताया कि फसल को तैयार करने में जो लागत आई है, उससे तीन गुना लागत में फसल बिक रही है।
अरविंद ने बताया वह केले की खेती पिछले 37 साल से कर रहे हैं। इससे अनुभव हो गया कि फसल को किस तरह से खाद की कब, कैसी और कितनी जरूरत है। उसी के हिसाब से फसल में खाद का उपयोग किया गया। नतीजा ये निकला कि फसल बहुत अच्छी क्वालिटी की हुई और अब विदेशों तक सप्लाई हो रही है। अधिकतर केले 12 इंच से 14 इंच के बीच के पाए गए। एक केले का वजन 250 ग्राम से अधिक निकला।
किसान ने इसी माह दो गाड़ी केला लोकल व्यापारियों को बेची हैं, जो 7 रुपए किलो में बिकी। विदेश भेज रहे इसी केले के भाव 15.50 रुपए प्रति किलो मिले।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि देश में केला कई राज्यों में होता है। सबसे लंबा केला तमिलनाडु में होता है। अब हमारे यहां भी अन्य राज्यों की तुलना में बड़े केले का उत्पादन हो रहा है। तमिलनाडु में 15 से 18 इंच तक केला होता है। पहले की तुलना में अब अन्य राज्यों के किसान भी तकनीकी खेती करने लगे हैं। इस वजह से अन्य राज्यों में पहले की तुलना में ज्यादा बड़े केले हो रहे हैं। किसान पूरे प्रोटोकॉल का पालन करें तो केले का अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है।