इस बैंक डकैती में किया गया था ट्रकों का इस्तेमाल, हुई थी 7500 करोड़ रुपये की चोरी

अक्सर सुनाई में आता हैं कि बैंक के डकैती के दौरान बन्दूक के बल पर चोरी की जाती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे बड़ी बैंक डकैती में एक भी गोली नहीं चली थी और न ही किसी से कोई मारपीट हुई थी। इस बैंक डकैती में 7500 करोड़ रुपये की चोरी हुई थी और पैसों को लेकर जाने के लिए ट्रकों का इस्तेमाल किया गया था। इस बैंक डकैती में कुल एक बिलियन डॉलर यानी आज के हिसाब से करीब 7562 करोड़ रुपये की लूट हुई थी। यह घटना इराक की है, जहां के सेंट्रल (केंद्रीय) बैंक से इतनी भारी रकम की लूट हुई थी। इस घटना को 17 साल हो चुके हैं।

बात मार्च 2003 की है। तब इराक के राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन थे और अमेरिका से उनकी दुश्मनी तो जगजाहिर है। कहते हैं कि अमेरिका ने इराक पर हमले की पूरी तैयारी कर ली थी। उससे कुछ घंटे पहले सद्दाम हुसैन के बेटे कुसय बगदाद स्थित इराकी सेंट्रल बैंक पहुंचे और बैंक प्रमुख को एक पर्ची थमाई, जिसपर लिखा था कि सुरक्षा कारणों से बैंक के सभी पैसों को राष्ट्रपति ने दूसरी सुरक्षित जगह ले जाने का आदेश दिया है। अब चूंकि उस समय इराक में सद्दाम हुसैन का खौफ था, क्योंकि उन्हें एक तानाशाह माना जाता था, इसलिए बैंक प्रमुख कुछ नहीं बोले और पैसों को ले जाने की अनुमति दे दी। इसके अलावा उनके पास और कोई रास्ता भी नहीं था।

कहते हैं कि सद्दाम हुसैन के बेटे कुसय ने इराकी बैंक से इतने रुपए लूटे थे कि उन्हें ट्रकों में भर-भरकर ले जाने पड़े थे। आपको जानकर हैरानी होगी कि लूट की रकम को ट्रकों में भरने में करीब पांच घंटे लग गए थे। कहा यह भी जाता है कि बैंक में और भी पैसे थे, लेकिन उन्हें रखने के लिए ट्रक में जगह नहीं थी, इसलिए उन्हें वहीं पर छोड़ दिया गया।

इस बैंक डकैती की बात दुनियाभर में तब फैली, जब घटना के तुरंत बाद अमेरिकी सेना ने इराक पर बमबारी शुरू कर दी। इस दौरान इराकी सेंट्रल बैंक पर भी उन्होंने कब्जा जमा लिया, लेकिन उन्हें वहां पता चला कि सारे पैसे तो सद्दाम हुसैन के बेटे कुसाय ले गए। इसके बाद काफी छानबीन हुई। सद्दाम हुसैन के महल में भी जांच की गई, जहां से बड़ी मात्रा में नोट मिले। हालांकि वो नोट लूट की रकम का हिस्सा नहीं थे। उन पैसों को सद्दाम हुसैन के दूसरे बेटे उदय ने पहले से ही संभाल कर रखा था, क्योंकि बड़ी मात्रा में कैश रखना उसका शौक था।

कहते हैं कि इराक में और भी कई जगहों पर छानबीन हुई, जिसमें कई सौ करोड़ रुपये मिले, लेकिन बैंक लूट का एक बड़ा हिस्सा कभी नहीं मिला। अंदाजा लगाया जाता है कि सद्दाम हुसैन ने उन पैसों को सीरिया भेज दिया होगा। हालांकि इसके कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं। यह बैंक डकैती बाकी की डकैतियों में सबसे खास इसलिए भी थी, क्योंकि इसमें इस लूट में एक भी गोली नहीं चली थी और न ही किसी से कोई मारपीट हुई थी। सबकुछ बड़े ही आराम से हुआ था।