जटोली मंदिर : भारत का सबसे ऊँचा शिव मंदिर जिसका गुंबद 111 फीट ऊंचा

भगवान शिव को देवों के देव महादेव के नाम से जाना जाता हैं और सावन के इस पवित्र महीने में सभी भक्तगण भगवान शिव के मंदिरों के दर्शन कर उनको प्रसन्न करने में लगे रहते हैं। सावन के इन्हीं दिनों में घूमने जाने के लिए आज हम आपको एक मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर माना जाता है। इस मंदिर का नाम है जटोली मंदिर जो अपनी शक्ति और चमत्कारों के लिए भी जाना जाता हैं। तो आइये जानते हैं इस मंदिर के बारे में।

सोलन शहर से करीब 7 किलोमीटर की दूरी पर भवननिर्माण कला का बेजोड़ नमूना जटोली मंदिर स्थित है। इसे एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर माना जाता है। यहां शिवरात्रि को भारी संख्या में शिव भक्त आते हैं। यह शिव मंदिर दक्षिण-द्रविड शैली से बना हुआ है। मंदिर को बनने के लिए करीब 39 साल का समय लगा है।

माना जाता है कि पौराणिक समय में भगवान शिव यहां आए थे और कुछ समय के लिए यहां पर रुके भी थे। बाद में बाद में एक सिद्ध बाबा स्वामी कृष्णानंद परमहंस ने यहां आकर तपस्या की। उनके मार्गदर्शन और दिशा-निर्देश पर ही जटोली शिव मंदिर का निर्माण शुरू हुआ। मंदिर के कोने में स्वामी कृष्णानंद की गुफा भी है। यहां पर शिव लिंग स्थापित किया गया है। मंदिर का गुंबद 111 फीट ऊंचा है। इसी कारण ये एशिया का सबसे ऊंचा मंदिर है।

मंदिर कमेटी की ओर से यहां पर महाशिवरात्रि को बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। कार्यक्रम पूरी रात चलता है। भोलेनाथ के दर्शनों हेतु भक्त दूर-दूर से यहां आते हैं। मंदिर में हर रविवार को भंडारा लगता है।