कोरोना के बढ़ते कहर से सभी वाकिफ हैं। चीन के वुहान शहर में पनपा यह वायरस आज पूरे विश्व के लिए परेशानी बन हुआ हैं। हांलाकि चीन में बताया जा रहा हैं कि अब स्थिति नियंत्रण में हैं लेकिन दूसरे देशों में यह स्थिति भयावह होती जा रही हैं। खासतौर से इटली और ईरान में जहां मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा हैं। हर देश के द्वारा कोरोना को फैलने से रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं और कोशिश की जा रही हैं कि लोग एक जगह पर इकट्ठा न हो। ईरान में अभी तक करीब 15,000 लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि 800 से अधिक लोगों की जान भी जा चुकी है।
ईरान के जेलों में भी बड़ी संख्या में कैदी बंद थे। कहीं इन मरीजों में कोरोना का संक्रमण न फैल जाए उससे पहले ईरान सरकार ने 17 मार्च 2020 की सुबह ही करीब 85 हजार कैदियों को रिहा कर दिया। हालांकि इस काम के लिए ईरान सरकार ने एक हफ्ता पहले ही फैसला ले लिया था। ईरान सरकार ने इन कैदियों स्थायी नहीं बल्कि अस्थायी तौर पर रिहा किया है।
वहीं ईरान की न्यायपालिका के प्रवक्ता घोलमहुसैन इस्माइली का कहना है कि 50 फीसदी से अधिक कैदी सुरक्षा संबंधी मामलों के अपराधी हैं। न्यायपालिका प्रवक्ता घोलमहुसैन इस्माइली का कहना है कि इन कैदियों को रिहा करते वक्त कोई झगड़ा न हो इसके लिए हमने पूरी तैयारी कर रखी है। रिहा हो रहे कैदियों में राजनीतिक कैदियों की बड़ी संख्या शामिल है। वहीं जिन कैदियों की सजा 5 वर्ष से अधिक है उन्हें रिहा नहीं किया गया है।जेलों में बंद कैदियों में कोरोना वायरस का संक्रमण न हो इसके लिए 10 मार्च को ही संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत ने ईरान सरकार से कैदियों की रिहाई की मांग की थी। बता दें कि ईरान दुनिया का तीसरा देश है जहां सबसे ज्यादा कोरोना का संक्रमण है। इतना ही नहीं कोरोना से यहां अधिक लोगों की मौत भी हुई है। इस लिस्ट में इटली इसके ऊपर और चीन सबसे ऊपर है।