ऑक्टोपस की चमड़ी एक घंटे में बदलती है 170 से ज्यादा बार अपना रंग, जानें इस समुद्री जीव से जुड़ी रोचक जानकारियाँ

इस संसार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा समुद्र के रूप में पाया जाता हैं जिसमें भी जीवों का एक संसार बना हुआ हैं। जी हाँ, समुद्र में कई तरह के जीव पाए जाते हैं जो सभी अपनी विशेषताओं के लिए जाने जाते हैं। आज हम आपके लिए अष्टबाहु के नाम से प्रसिद्द जीव अर्थात ऑक्टोपस से जुड़ी रोचक जानकारियाँ लेकर आए हैं। हांलाकि इन आठ में ऑक्टोपस के 6 भुजाएं और 2 पैर होते हैं। इस जीव को बहुत बुद्धिमान माना जाता हैं। तो आइये जानते हैं इससे जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में।

- वैज्ञानिकों ने अब तक ऑक्टोपस की 300 से भी ज्यादा प्रजातियों को खोज़ निकाला है।

- उत्तर और दक्षिण कोरिया देश में इस प्राणी को जीवित ही खाया जाता है।

- ऑक्टोपस एक बुद्धिमान प्राणी होता है। इस वजह से कई देशों में इसे बिना बेहोश किए इसकी सर्जरी करना गैरकानूनी है।

- ऑक्टोपस की कुछ प्रजातियां इतनी जहरीली होती हैं कि उनके महज एक बार काटने से किसी व्यक्ति की मौत हो सकती है।

- अगर किसी ऑक्टोपस को बहुत ज्यादा भूख लग रही हो, तो वो अपनी किसी एक भुजा या टांग को भी खा सकता है।

- ऑक्टोपस के दिलों की संख्या 3 होती है। इसके सिवाए इसका खून भी नीले रंग का होता है।

- नव जन्में ऑक्टोपस का आकार महज एक पिस्सु जितना होता है। आपको बता दें कि पिस्सु या Flea का आकार महज 1.5 से 3.2 मिलीमीटर तक ही होता है।

- ऑक्टोपस का अब तक का खोज़ा गया सबसे पुराना कंकाल 29 करोड़ 60 लाख साल पहले का है।

- पश्चिमी देशों में 1960 के दशक में ऑक्टोपस wrestling काफी प्रचलित थी। इस wrestling में एक पहलवान को उथले पानी में मौजूद एक अष्टबाहु से लड़ाया जाता था और अगर पहलवान उसे पानी से बाहर सतह पर खींच ला पाने में कामयाब हो जाता था, तो उसकी जीत मानी जाती थी।

- कई बार मादा ऑक्टोपस नर को संभोग के बहाने घोंट कर मार देती है और उसे खा जाती है।

- इस विचित्र प्राणी का जीवनकाल बेहद छोटा होता है। कई प्रजातियां तो महज छह महीने तक ही जी सकती हैं।

- बड़े आकार के ऑक्टोपस शार्कों को पकड़ने और उनकी हत्या करने के लिए जाने जाते हैं।

- ऑक्टोपस की कुछ प्रजातियां एक बार में 50,000 तक बच्चों को जन्म दे सकती हैं। लेकिन इन 50,000 में बहुत थोड़े ही अपना पूरा जीवन काल जी पाते हैं, जबकि अन्य बहुत कम समय में ही मर जाते हैं।

- इस प्राणी की चमड़ी एक घंटे में 170 से ज्यादा बार अपना रंग बदल सकती है।