इस दुनिया में रिश्तों की बड़ी अहमियत होती हैं और उनसे ऊपर कोई नहीं होता हैं। हांलाकि आजकल पैसों को रिश्तों से ऊपर आंका जाता हैं और इस पैसे की वजह से कई रिश्ते टूटते नजर आते हैं। पैसों की एक ऐसी ही घटना हरियाणा में देखने को मिली जिसमें मायके वालों ने अपनी ही बेटी का बच्चा गिरवी रख लिया और 1.5 लाख रूपये की मांग की। अब ऐसा क्या हुआ आइये जानते हैं इससे जुड़ा पूरा मामला।
दरअसल, पत्नी की डिलीवरी पर खर्च हुए डेढ़ लाख रुपये नहीं चुकाने पर डेढ़ साल के बेटे को ससुरालजनों द्वारा गिरवी रख लेने का आरोप लगा है। बेटे के लिए एसडीएम के दरवाजे पर धरना देकर पिता बैठ गया है। यह अजीबोगरीब मामला हरियाणा के फतेहाबाद जिले का है। एसडीएम ऑफिस के गेट पर बैठे पिता ने कहा कि पत्नी की डिलीवरी ससुराल गंगानगर (राजस्थान) में हुई थी। ससुराल वालों ने डेढ़ लाख रुपये खर्च किए थे। अब डेढ़ लाख रुपये चुकाने तक बेटा नहीं दे रहे। मेरी पत्नी और मैं एसडीएम के कहने पर बेटे को लेने गए तो मारपीट की गई। पुलिस भी कार्रवाई के लिए 10 हजार रुपये मांग रही है। एसडीएम को शिकायत भी की लेकिन कहीं से भी बेटा लाने के लिए मदद नहीं मिल रही।
मामले की गहराई में पता चला कि शादी के समय शिकायतकर्ता और उसकी पत्नी नाबालिग थे। इसलिए नियमानुसार कार्यवाही करने में परेशानी हो रही है। हमने अब पुलिस (Police) से रिपोर्ट मांगी है। पुलिस की रिपोर्ट आने पर नियमानुसार आगामी कार्रवाई करते हुए बच्चा दिलवाने की कार्रवाई की जाएगी। यहाँ ये जानने लायक बात है कि फतेहाबाद के शक्ति नगर निवासी सूरज ने शिकायत एसडीएम को दी थी। एसडीएम की ओर से भी संतोषजनक कार्रवाई नहीं होने पर मंगलवार को एसडीएम ऑफिस के गेट पर सूरज ने धरना दे दिया। धरने पर बैठे सूरज ने बताया कि उसकी पत्नी की डिलीवरी राजस्थान में उसके घर गंगानगर में हुई थी। ससुरालवालों ने डिलीवरी पर करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च किया था। अब ससुरालवाले डिलीवरी के बाद मेरा बेटा देने से मना कर रहे हैं और डिलीवरी पर खर्च हुए डेढ़ लाख रुपये की मांग कर रहे हैं।सूरज ने बताया कि रुपये की एवज में इस तरह गलत तरीके से बेटे को अपने कब्जे में लिए बैठे ससुरालजनों के खिलाफ शिकायत पुलिस को दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद अब एसडीएम को शिकायत दी गई लेकिन फिर भी कुछ नहीं हुआ। पुलिस ने कार्रवाई के लिए 10 हजार रुपये की मांग की है जो कि हम नहीं दे सकते।