गिरा पेड़ 2 महीने बाद फिर हुआ खड़ा, गांव वाले मान रहे दैविक चमत्कार

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के विदिशा के एक गांव में दशकों पुराना पीपल का पेड़ दो महीने पहले गिर गया था लेकिन अब वह अपने आप खड़ा हो गया है। एक्सपर्ट्स वैज्ञानिक तरह-तरह के तर्क दे रहे है लेकिन गांव वाले इस दैविक चमत्कार मान रहे हैं। विदिशा के छपारा गांव में देवी माता मंदिर परिसर में यह पेड़ तेज आंधी से गिर गया था। अब यह पहले की ही तरह फिर से हरा-भरा हो उठा है। इसकी सूचना जैसे ही प्रशासन को मिली तो 5 सदस्यीय तकनीकी दल मौके पर पहुंचा। दल ने इसे एक भौतिक घटना बताया। एक्सपर्ट्स का मानना है कि बारिश में जड़ों के भीगने से गुरुत्वाकर्षण बल बढ़ा, जिससे यह पेड़ खड़ा हो गया।

एक्सपर्ट्स दे रहे तरह-तरह के तर्क

- पेड़ की शाखाओं को काटने से उसके तने का वजन जड़ वाले हिस्से से कम हो गया होगा। पानी गिरने के बाद पेड़ की जड़ों ने 'जाम फ्लोइंग प्रक्रिया' कर पेड़ को पानी भोजन उपलब्ध कराया। इससे जड़ों में जमीन की तरफ खिंचाव हुआ और पेड़ गुरुत्वाकर्षण बल नियम का पालन करते हुए और वह एकाएक पहले की तरह खड़ा हो गया।

- इस घटना के पीछे एक अलग तर्क और है कि दो महीने पहले जब पेड़ गिरा था उस समय वह 4 फीट ऊंची दीवार पर गिरा था। इससे 1 फीट दीवार टूट कर गिर गई थी। अभी पेड़ की ऊंचाई लगभग 11-12 फीट है। जड़ से दीवार तक पेड़ की लंबाई लगभग 6-7 फीट होगी, जबकि दीवार के बाहर 4-5 फीट होगी। पेड़ जमीन से लगभग 30 डिग्री कोण बना रहा होगा। पेड़ के तने से अधिक वजन जड़ों पर है। जड़ के ऊपर 2 फीट का तना है। इससे भार का संतुलन बना होगा और पेड़ अचानक खड़ा हो गया।

लेकिन एक्सपर्ट्स कितने भी तर्क दे लेकिन गांव वाले इसे दैविक चमत्कार मान रहे हैं। वहीं, प्रशासन को चिंता है कि अगर दैविक चम्तकार की बात लोगों के बीच फैली तो भीड़ जुटने का खतरा है। इससे कोरोना संक्रमण फैल सकता है।