Bakrid 2018 : दिल्ली की जामा मस्जिद जो देती है एकता का सन्देश

देश में बकरीद Bakrid 2018 की रौनक चारों तरफ देखी जा सकती हैं। इस त्योंहार को मुस्लिम सम्प्रदाय के लोग काफी उत्साह के साथ मनाते हैं और मस्जिद में नमाज अदा करते हैं। इसलिए आज इस त्योंहार के मौके पर हम आपको दिल्ली Delhi की जामा मस्जिद Jama Masjid के बारे में बताने जा रहे हैं जो देश की एकता के लिए जानी जाती हैं। दिल्ली में लाल किले के सामने स्थित यह मस्जिद देश की एकता को दर्शाते हुए अपनी पहचान पूरे विश्व में रखती हैं। तो आइये जानते हैं दिल्ली की जामा मस्जिद के बारे में।

जामा मस्जिद भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। इस मस्जिद को सम्राट शाहजहां द्वारा बनवाया गया था। इस मस्जिद का निर्माण 1650 में शुरू किया गया था जो 1656 में पूरा हुआ। ये मस्जिद चोवरी बाज़ार रोड पर स्थित है। मस्जिद पुरानी दिल्ली के मुख्य आकर्षणों में से एक है।

इस विशाल मस्जिद में 25,000 भक्त एक साथ प्रार्थना कर सकते हैं। इसमें तीन राजसी द्वार हैं, 40 मीटर ऊंची चार मीनारें हैं जो लाल बलुआ पत्थरों एवं सफ़ेद संगमरमर से बनी हुई हैं। इस मस्जिद में सुंदरता से नक्काशी किये गए लगभग 260 स्तंभ हैं जिनमें हिन्दू एवं जैन वास्तुकला की छाप दिखाई देती है।

मस्जिद का फर्श सफ़ेद एवं काले संगमरमर से आवृत है जो एक अलंकृत मुस्लिम प्रार्थना चटाई की तरह दिखाई देता है। यह मस्जिद 5 फुट ऊंचे मंच पर स्थित है और शायद भारत की सबसे बड़ी मस्जिद है। इस मस्जिद में कई अवशेष हैं, जिनमें से एक कुरआन की एक प्राचीन प्रति है जो हिरण की खाल पर लिखी गई है। यह मस्जिद के उत्तरी दरवाज़े पर राखी गई है। यह मस्जिद दिल्ली में लाल किले के सामने है।