गलती के लिए कर्मचारी को नौकरी से निकालना कंपनी को पड़ा भारी, शख्स ने वसूला 60 लाख रुपये का हर्जाना

कोरोना के दौरान से ही वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ गया जिसे आज भी कई लोग अपना रहे हैं। इस दौरान कंपनी द्वारा कर्मचारी के लिए कुछ नियम तय किए जाते हैं ताकि काम सही से हो। कर्मचारी भी इन नियमों का पालन करते हैं। लेकिन वर्क फ्रॉम होम के दौरान कर कर्मचारियों ने नियम को ताक में रखते हुए काम किया। इसका एक हैरान करने वाला मामला सामने आया हैं अमेरिका से जहां कंपनी ने अपने एक कर्मचारी को वर्क फ्रॉम होम के दौरान एक गलती के लिए काम से निकाल दिया। लेकिन यह फैसला कंपनी को ही भारी पड़ गया और कर्मचारी ने कंपनी से 60 लाख रुपये का हर्जाना वसूल लिया।

दअसरल इस अमेरिका की कंपनी की पॉलिसी थी कि कर्मचारी अपने ऑफिस टाइम के दौरान वेबकैम ऑन कर ही काम करेंगे। लेकिन एक कर्मचारी ने इससे निजता का उल्लंघन बताया और वेबकैम ऑन करके काम करने से मना कर दिया। इसके बाद कंपनी ने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नीदरलैंड के रहने वाले कर्मचारी ने फ्लोरिडा स्थित टेलिमार्केटिंग कंपनी Chetu में साल 2019 से नौकरी कर रहा था। कंपनी उसे 59 लाख रुपये का पैकेज दे रही थी। नौकरी के एक साल बीते जाने के बाद कंपनी ने कर्मचारी को एक वर्चुअल ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल होने के लिए कहा। इसके साथ ही वर्क फ्रॉम होम के दौरान कर्मचारी को हर दिन 9 घंटे वेबकैम ऑन रखने के लिए कहा और स्क्रीन-शेयरिंग भी चालू रखने का आदेश दिया।

कंपनी के इस फरमान से कर्मचारी सहमत नहीं हुआ और उसने इसे निजता का उल्लंघन बताया। इसके बाद कपंनी ने उसे Refusal to Work का आरोप लगाकर नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। कर्मचारी ने कहा कि मैं 9 घंटे कैमरे से निगरानी किए जाने से सहज नहीं हूं जो मेरी निजता का उल्लंघन है जिसकी वजह से मेरा कैमरा बंद है। कर्मचारी ने कंपनी से कहा कि आप लैपटॉप पर सभी गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं। नौकरी से निकाले जाने के बाद कर्मचारी कोर्ट पहुंच गया और कंपनी से हर्जाने की मांग की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने कर्मचारी के पक्ष में फैसला सुनाया है और कंपनी को 60 लाख रुपये हर्जाना देने का निर्देश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने कंपनी से इस नियम को खत्म करने का आदेश दिया है।