आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) में अब गधों (Donkey) का मेला लगा हुआ है। हालाकि यह मेला पिछले करीब 70 सालों से लगता आ रहा है लेकिन इस बार सबसे दिलचस्प बात यह है कि इन गधों के नाम खतरनाक बमों और हिन्दू मुस्लिम के कई प्रसिद्ध नामों पर रखे गए हैं। मेले में बिक रहे गधों के नाम एके-47, रॉकेट लॉन्चर, परमाणु बम रखे गए हैं। इतना ही नहीं कुछ गधों के नाम तो माधुरी, शीला, दिल पसंद रखे गए हैं। गधों के नाम मेले में पहुंचे लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। इन गधों के रंग भी अलग-अलग हैं। कुछ सफेद, कुछ ग्रे और कुछ भूरे और काले रंग के गधे हैं। इसके अलावा मादा गधा भी बिक रही हैं। ये सभी गधे लासी, लारी, ईरानी और थारी प्रजाति के बताए जा रहे हैं। इन गधों की कीमत 20,000 रुपये से लेकर 200000 रुपये तक है। हालांकि, गधों की कीमत अधिक होने के कारण इस बार खरीदार कम आ रहे हैं।
दरअसल, पाकिस्तान में यह मेला पाकिस्तान के हैदराबाद शहर से 70 किमी दूर बादिन जिले में लगा है। हर साल यह मेला पाकिस्तान में लगता है। मेले में हिस्सा लेने के लिए कराची, बादिन सहित पाकिस्तान के कई जिलों से व्यापारी पहुंचे हैं। वे गधों को बेच रहे हैं और खरीद रहे हैं।
बता दें कि गधों की आबादी के लिहाज से पाकिस्तान दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा देश है। पाकिस्तान में करीब 50 लाख गधे हैं। गधों की आबादी के मामले में चीन पहले स्थान पर है। पाकिस्तान के अधिकांश गधों का निर्यात चीन में होता है, गधों से चीन में परंपरागत दवाइयां तैयार की जाती हैं। गधे के चमड़े से इम्यून सिस्टम व रक्त वर्द्धक दवाएं बनाई जाती हैं। चीन में गधे के मांस की भी काफी मांग है. हालांकि गधों की आबादी के मामले में चीन पहले स्थान पर है लेकिन इसके बावजूद भी भारी मांग और उत्पादन की वजह से पिछले कई सालों से चीन को गधों के लिए पाकिस्तान की ओर रुख करना पड़ा है। इतना ही नहीं गधों के विकास के लिए पाकिस्तान में 3 अरब डॉलर निवेश भी करने वाला है।